मेलबर्न: ऑस्ट्रेलिया त्रिशंकु संसद की ओर बढ़ता नजर आ रहा है। राष्ट्रीय चुनाव में आधे वोटों की गिनती से प्रधानमंत्री मैलकम टर्नबुल के कंजरवेटिव गठबंधन और विपक्षी लेबर नेता बिल शार्टन के बीच कांटे की टक्कर दिख रही है। चुनाव में एक करोड़ से अधिक लोगों ने मतदान किया है। वे 1600 से अधिक उम्मीदवारों के चुनावी भाग्य का फैसला करेंगे जिनमें पांच उम्मीदवार भारतीय मूल के हैं।
150 सीटों वाली प्रतिनिधि सभा में लेबर की मौजूदा समय में 55 और लिबरल: राष्ट्रीय गठबंधन की 90 सीटें है। इसके अलावा पांच सीटें छोटे दलों या निर्दलीय सदस्यों के पास है।
गठबंधन को राष्ट्रीय स्तर पर 3.6 फीसदी वोटों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। 70 फीसदी से अधिक वोटों की गिनती में गठबंधन 73 सीटें जीतने की ओर है जबकि लेबर का 66 सीटों पर दावा बन रहा है ।
शार्टन ने कहा कि एक चीज निश्चित है कि लेबर पार्टी वापस आ रही है। वहीं टर्नबुल ने कहा है कि वह फिर से सरकार बनाने के लिए आश्वस्त हूं।
प्रधानमंत्री टर्नबुल ने अप्रैल में दोनों सदनों को भंग करने की घोषणा की थी जिसके बाद उम्मीदवारों की आठ सप्ताह की आधिकारिक प्रचार मुहिम चली थी। इन चुनावों में 45वीं संसद के निचले सदन के लिये 150 सदस्यों समेत कुल 226 सदस्यों का चयन किया जाएगा।
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