बगदाद: इराक के मोसुल को इस्लामिक स्टेट (आईएस) के आतंकियों के कब्जे से छुड़ाने के लिए शुरू हुए सैन्य अभियान में अमेरिका ने अग्रिम मोर्चे पर अपने सैनिकों की तैनाती की पुष्टि की है। इराक में आईएस के खिलाफ मुकाबला करने वाली अमेरिकी नेतृत्व वाली 'कंबाइंड ज्वाइंट टास्क फोर्स ऑपरेशन इनहरेंट रिजॉल्व' मूलत: इराकी व कुर्दिश पेशमर्गा लड़ाकों को मिलाकर बनी है।
द गार्डियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आईएस रोधी गठबंधन के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल स्टीफन टाउनसेंड ने सोमवार को एक बयान में लड़ाई में अमेरिकी 'सलाहकार योगदान' में 'फॉरवर्ड एयर कंट्रोलर' की मौजूदगी को खुले तौर पर स्वीकार किया। कंट्रोलर को ज्वाइंट टर्मिनल एयर कंट्रोलर्स (जेटीएसीएस)के नाम से जाना जाता है। ये वे सैनिक हैं, जिन्हें हवाई बमबारी की सटीकता के लिए विशेष अभियान बल से लिया गया है।
उनकी उपस्थिति से यह संकेत मिलता है कि अमेरिकी सैनिक अग्रिम मोर्चे में शामिल हैं और इराक के दूसरे सबसे बड़े शहर में हवाई हमले करने के इच्छुक हैं। एबीसी न्यूज के मुताबिक, पेंटागन के प्रवक्ता पीटर कुक ने संवाददाताओं से कहा, "अमेरिकी एक बार फिर सलाहकार की भूमिका में हैं, इराकी बलों को सक्षम बनाने की भूमिका में हैं।" उन्होंने कहा, "इराक में अधिकांश अमेरिकी सुरक्षाबल कहीं भी अग्रिम मोर्चे के निकट नहीं हैं।" मोसुल को आईएस के कब्जे से छुड़ाने के लिए संघर्ष 17 अक्टूबर से शुरू हुआ, जिसमें 54,000 इराकी सैनिक हिस्सा ले रहे हैं।
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