ईरानी परमाणु कार्यक्रम के प्रमुख पक्षों पर सहमति बनी : रूस
लौसेन: रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि विश्व की छह शक्तियों और ईरान के बीच उसके विवादित परमाणु कार्यक्रम के प्रमुख पक्षों पर सहमति बन गई है। समाचार एजेंसी एफे के
लौसेन: रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि विश्व की छह शक्तियों और ईरान के बीच उसके विवादित परमाणु कार्यक्रम के प्रमुख पक्षों पर सहमति बन गई है। समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, लावरोव ने मंगलवार को कहा कि अब पर्याप्त भरोसे के साथ इस बात की घोषणा की जा सकती है कि प्रमुख मुद्दों पर सहमति बन गई है। उन्होंने कहा कि समझौते के तकनीकी विवरणों पर अब से लेकर जून के अंत तक काम किया जाएगा।
ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जारिफ ने मंगलवार रात संवाददाताओं से कहा था कि मंगलवार को परमाणु वार्ता में काफी प्रगति हुई है और उन्हें बुधवार को समझौते को लेकर बातचीत के निष्कर्ष पर पहुंचने की आशा है।
बुधवार को तेहरान और पी5 प्लस1 समूह के बीच वार्ता जारी है। वार्ता की अंतिम तिथि मंगलवार को समाप्त हो गई है, फिर भी समझौते तक पहुंचने की अंतिम कोशिश के तहत वार्ता जारी है। समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, तीन घंटे का विराम लेने के बाद दोनों पक्षों के बीच बुधवार सुबह पांच बजे वार्ता शुरू हुई। सभी सातों देशों के विदेश मंत्री किसी समझौते पर पहुंचने की आखिरी कोशिश के तहत वार्ता जारी रख सकते हैं।
पी5 प्लस1 समूह (अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, रूस और जर्मनी) किसी समझौते पर पहुंचने और ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने की क्षमता हासिल करने से रोकने की कोशिश के तहत यूरोपीय संघ के साथ तालमेल बिठा कर वार्ता कर रहे हैं।
वार्ता का उद्देश्य ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर दशक भर लंबे विवाद को समाप्त करना है, जिसको लेकर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में भय है कि ईरानी परमाणु कार्यक्रम का उद्देश्य सैन्य उद्देश्यों को लेकर है, जबकि ईरान इससे इंकार करता है और कहता है कि उसके परमाणु कार्यक्रम का उद्देश्य पूरी तरह असैन्य है।
फ्रांस और जर्मनी ने भी मंगलवार को परमाणु वार्ता की अवधि एक दिन आगे बढ़ाने की घोषणा की थी।
फ्रांस के विदेश मंत्री लॉरेंट फैबियस ने कहा, "हम काफी प्रगति कर चुके हैं, लेकिन मुद्दा अब भी जटिल और लंबा है।"
इस बीच, ईरान के एक वार्ताकार ने स्वीकार किया कि तेहरान के परमाणु कार्यक्रम पर किसी व्यापक समझौते तक पहुंचने से पहले कई मुद्दे सुलझाने हैं। इन सभी मुद्दों को सुलझाए बगैर कोई समझौता संभव नहीं हो पाएगा।