मक्का: शनिवार को सालाना हज का आगाज हुआ जिसमें दुनिया भर से आए तकरीबन 15 लाख मुसलमानों ने शिरकत की। पिछले साल मक्का में हुई भगदड़ में करीब 2,300 लोगों की मौत हो गई थी, लेकिन इससे यहां आने वाले हज यात्रियों के जोश-खरोश में कोई कमी नहीं दिख रही है। इस बार हज में ईरान के हज यात्रियों ने शिरकत नहीं की। शिया बहुल ईरान और सुन्नी बहुल सउदी अरब के बीच लंबे समय से जारी तनाव के कारण ऐसा हुआ। हर साल दसियों हजार ईरानी हज करने आया करते थे।
इस हफ्ते मक्का के मस्जिद अल-हराम में शुरूआती रस्मों के बाद हज यात्री शनिवार को मीना जाएंगे। वहां 40 डिग्री सेल्सियस की गर्मी है। मीना यहां से पूर्व में पांच किलोमीटर दूर है। हज यात्री पैगंबर हजरत मोहम्मद के नक्श-ए-कदम पर चलेंगे। इस मौके पर मीना खेमों का शहर बन जाएगा। पिछले साल 24 सितंबर को मीना में हज इतिहास में सबसे बुरी भगदड़ मची थी। हजयात्रियों के शैतान को पत्थर मारने के पारंपरिक रस्म के लिए जमरात पुल की तरफ जाते समय भगदड़ मच गई थी। इस साल यह रस्म सोमवार को शुरू होगी।
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