काहिरा: मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतह अल सिसी ने राष्ट्रपति के रूप में शनिवरा को 4 साल के अपने दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ ली। सिसी ने राष्ट्रपति पद की शपथ ऐसे समय ली है जब देश आर्थिक और सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है। सिसी ने गत मार्च में हुए राष्ट्रपति चुनाव में वैध वोटों में से 97 प्रतिशत वोट हासिल किए थे। उन्होंने सदन में अपनी सरकार के सदस्यों के सामने शपथ ली। पूर्व इंटेलिजेंस चीफ और रक्षा मंत्री सिसी ने 2013 में मोहम्मद मुर्सी को हटाकर मिस्र के पहले लोकतांत्रिक तौर पर चुने गए राष्ट्रपति बने थे।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब 63 वर्षीय राष्ट्रपति सिसी संसद की ओर से जा रहे थे तो उस समय लड़ाकू विमानों ने काहिरा के ऊपर आसमान में मिस्र का झंडा बनाया। सिसी का स्वागत 21 तोपों की सलामी देकर किया गया। वर्ष 2013 में सड़कों पर प्रदर्शन के बाद सेना प्रमुख रहे सिसी ने मिस्र के पहले निर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी को सत्ता से हटाया था। सिसी ने 2014 में जबर्दस्त बहुमत से जीत दर्ज की थी। सिसी के सामने चुनाव में कोई गंभीर चुनौती नहीं थी। उनके एकमात्र प्रतिद्वंद्वी मूसा मुस्तफा मूसा अपेक्षाकृत कम लोकप्रिय थे। मूसा स्वयं भी सिसी समर्थक रहे हैं।
आपको बता दें कि मूसा के अलावा सिसी के एक प्रमुख प्रतिद्वंदी को गिरफ्तार कर लिया गया था, जबकि उनके कैंपेन मैनेजर की पिटाई कर दी गई थी। इसके बाद सिसी के लिए चुनाव को जीतना कोई मुश्किल बात नहीं रह गई थी। हालांकि सिसी के समक्ष उनके दूसरे कार्यकाल में दो प्रमुख चुनौतियां होंगी, सुरक्षा और आर्थिक सुधार।
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