NSG में भारत की एंट्री की राह में अड़चन, चीन समेत 6 देशों ने किया विरोध
सियोल: गुरुवार को सियोल में भारत को न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप (NSG) की मेंबरशिप पर विचार हुआ। सियोल में NSG की अहम मीटिंग हुई जिसमें ज्यादातर देश भारत को सदस्यता देने के पक्ष में हैं। लेकिन
सियोल: गुरुवार को सियोल में भारत को न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप (NSG) की मेंबरशिप पर विचार हुआ। सियोल में NSG की अहम मीटिंग हुई जिसमें ज्यादातर देश भारत को सदस्यता देने के पक्ष में हैं। लेकिन चीन का रूख भारत की राह मुश्किल कर रहा है इसीलिए आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिंनपिंग से बात की। मोदी आज शंघाई सहयोग संगठन यानी SCO की मीटिंग में हिस्सा लेने के लिए ताशकंद में हैं। वहां उन्होंने शी जिनपिंग से मुलाकात की।
NSG पर भारत को मिलेगा चीन का समर्थन ?
पीएम मोदी ने भारत को SCO की परमानेंट मेंबरशिप देने में सहयोग के लिए शी जिनपिंग का शुक्रिया अदा किया और उनसे भारत को NSG की सदस्यता के मुद्दे पर सकारात्मक रूप से विचार करने को कहा। इस मामले में देखा जाए तो भारत के सामने सिर्फ चीन की अड़चन है। चीन का भारत के एनएसजी में प्रवेश को लेकर नकारात्मक रवैया रहा है इसलिए भारत की तरफ से चीन को राजी करने की हर मुमकिन कोशिश की जा रही है।
पीएम मोदी ने तो एनएसजी के मुद्दे पर खुल कर कुछ नहीं कहा लेकिन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया कि एनएसजी की मेंबरशिप को लेकर प्रधानमंत्री ने शी जिनपिंग के सामने भारत का पक्ष मजबूती से रखा और चीन से सहयोग की उम्मीद जताई।
NSG पर मोदी ने की शी जिनपिंग से बात
प्रधानमंत्री मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप में भारत की प्रस्तावित सदस्यता के बारे में बातचीत की। प्रधानमंत्री मोदी ने चीन से अपील की कि एनएसजी में भारत की सदस्यता के दावे को लेकर वो निष्पक्ष और वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन करे और इसकी योग्यता के अनुरूप फैसला करे। भारत ने चीन से कहा है कि उसे सियोल में उभर रही सर्वसम्मत राय में अपना योगदान करना चाहिए।
NSG में भारत की मेंबरशिप को लगा बड़ा झटका
वैसे इस मामले सियोल से जो ताजा खबरें आई हैं वो भारत के लिए अच्छी नहीं हैं। चीन के अलावा पांच और देशों ने भी एनएसजी में भारत की एंट्री का विरोध किया है। आयरलैंड, ब्राजील, तुर्की, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रिया ने भी भारत को NSG की मैंबरशिप देने का विरोध किया है। इन देशों का कहना है कि भारत ने एनपीटी यानी परमाणु अप्रसार संधि पर दस्तखत नहीं किए हैं इसलिए भारत को एनएसजी में एंट्री नहीं मिलनी चाहिए। सियोल में चल रही एनएसजी की मीटिंग में पाकिस्तान को शामिल करने पर कोई चर्चा नहीं हुई।