कुआलालंपुर: ऑस्ट्रेलियाई के 32 सैनिकों और उनपर आश्रित लोगों के मारे जाने की आधी सदी बाद उनके शव आज मलेशिया से ऑस्ट्रेलिया ले जाए गए। इनमें से कई वियतनाम युद्ध में मारे गए थे। एक सादे समारोह में सैन्य बिगुल की आवाज के बीच मिलिट्री गार्ड ऑफ ऑनर ने ऑस्ट्रेलियाई झंडे से लिपटे ताबूतों को ऑस्ट्रेलियाई वायुसेना के विमानों में चढ़ाया।
ऑस्ट्रेलिया ने वियतनाम युद्ध में लड़ने के लिए अपने 60,000 से अधिक सैनिक भेजे थे और उनमें से 521 मारे गए। सैनिकों के परिवारों के शवों को वापस लाने का खर्च वहन करने तक शवों को मलेशिया में ही दफना दिया गया। ऑस्ट्रेलियाई सैनिकों को मलेशिया के टेरेनडाक सैन्य कब्रिस्तान में दफनाया गया था।
कब्रिस्तान का प्रबंधन करने वाले आर्मी म्यूजियम डायरेक्टर अब्दुल्ला सानी मोहमद ने कहा, एक सैनिक के तौर पर मुझे गर्व महसूस हो रहा है कि अवशेषों को उनके प्रियजन के पास ले जाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इनमें से 21 ऑस्ट्रेलियाई सैनिक वियतनाम में मारे गए, तीन मलेशिया में साम्यवादी विद्रोहियों से लड़ाई करते हुए मारे गए और आठ अन्य सैनिकों के परिवार के लोग थे।
1966 में ऑस्ट्रेलिया ने शवों को देश वापस लाने की नीति बदल दी ताकि सभी शहीद सैनिकों का शव देश वापस लाया जा सके। ऑस्ट्रेलिया सरकार ने एक बयान में कहा कि सिंगापुर के करांजी कब्रिस्तान से एक और शव वापस लाया जाएगा। ताबूतों को ऑस्ट्रेलियाई वायु सेना के रिचमंड शिविर ले जाया जाएगा जहां सैनिकों के परिवार और आम लोग गुरूवार को वहां एक रस्म में हिस्सा लेंगे।
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