अफगान सैन्य शिविर हमले की पीएम मोदी ने की निंदा, अब तक 135 सैनिकों की मौत
अफगानिस्तान के बाख प्रांत में एक सैन्य शिविर पर शुक्रवार को किए गए तालिबान आतंकवादियों के हमले में 135 अफगानी सैन्यकर्मियों की मौत हो गई, जबकि 60 अन्य घायल हो गए।
काबुल: अफगानिस्तान के बाख प्रांत में एक सैन्य शिविर पर शुक्रवार को किए गए तालिबान आतंकवादियों के हमले में 135 अफगानी सैन्यकर्मियों की मौत हो गई, जबकि 60 अन्य घायल हो गए। मृतकों की संख्या बढ़ने की संभावना है। हमले की भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नाटो तथा अफगानिस्तान के सीईओ अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने निंदा की है।
टोलो न्यूज की शनिवार की रिपोर्ट के मुताबिक, एक सैन्य अधिकारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि उत्तरी शहर मजार-ए-शरीफ के सबसे बड़े सैन्य शिविरों में से एक 209 शाहीन कॉर्प्स हेडक्वाटर्स पर हुए हमले के बाद सुरक्षा बलों की ओर से की गई कार्रवाई में 10 तालिबान आतंकवादी भी मारे गए।
रिपोर्ट के मुताबिक, आतंकवादी संगठन तालिबान ने हमले की जिम्मेदारी ली है। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने एक बयान में कहा कि यह हमला उत्तरी अफगानिस्तान में तालिबान के कई वरिष्ठ नेताओं को मौत के घाट उतारने का बदला है।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "मजार-ए-शरीफ में कायराना हमले की कड़ी निंदा करते हैं। हमले में अपने प्रियजनों को खोनेवाले परिवारों के प्रति हम संवेदना जताते हैं और उनके लिए प्रार्थना करते हैं।"
अलग से एक बयान में भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि आतंकवादी हमला इस जरूरत का स्मरण कराता है कि हमें उन सुरक्षित ठिकानों को तत्काल तबाह कर देना चाहिए, जो अफगानिस्तान में इसकी सीमा के बाहर से आतंकवाद को सहारा देते हैं।
बयान में कहा गया है कि भारत आतंकवाद के सभी रूपों का मुकाबला करने तथा आतंकवादी हिंसा के दोषियों को न्याय के कठघरे में लाने में अफगानिस्तान की मदद के लिए प्रतिबद्ध है, चाहे वे कहीं भी हों।
अधिकारी ने बताया कि घायलों की नाजुक स्थिति देखते हुए मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता दावलात वजीरी ने कहा कि आतंकवादी सेना की वर्दी में एक सैन्य वाहन में सवार होकर परिसर में घुसे और सैन्यकर्मियों पर उस समय हमला कर दिया, जब वे जुमे की नमाज अदा कर रहे थे।
अफगानिस्तान के सीईओ अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने हमले की निंदा करते हुए इसे 'कायराना' करार दिया है। उन्होंने कहा, "तालिबान ने (शुक्रवार को) मजार में जो कुछ भी किया, वह सभी मूल्यों के खिलाफ है।"
पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने भी हमले की निंदा करते हुए ट्वीट किया, "मैं मजार-ए-शरीफ में हमारे सैन्य शिविर पर हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करता हूं, जिसमें हमारे कई वीर सैनिकों की जान गई और कई अन्य घायल हुए।"
नाटो रिजोल्यूट सपोर्ट मिशन ने भी हमले की निंदा करते हुए अफगान बलों के प्रति समर्थन जताया है। अफगानिस्तान में नाटो रेजोल्यूट सपोर्ट मिशन के कमांडर जॉन निकसलन ने एक बयान में कहा, "यह हमला तालिबान की बर्बरता दर्शाता है। हम सभी ऐसे जघन्य और निंदनीय कृत्य की निंदा करते हैं।" बयान के मुताबिक, "हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अफगानिस्तान के साथ हैं।"
यह हमला रक्षा मंत्री अब्दुल्ला हबीबी के बाख यात्रा के दौरान इस सैन्य शिविर का दौरा किए जाने के दो दिन बाद हुआ। यह साल 2017 में अफगानिस्तान के सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाकर किया गया दूसरा सबसे बड़ा हमला है। तालिबान ने मार्च में सरदार मोहम्मद दाऊद सैन्य अस्पताल पर हमला कर दिया था, जिसमें 50 लोगों की मौत हो गई थी।