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Hindi News पश्चिम बंगाल बंगाल की जेलों में महिला कैदी हो रही हैं प्रेग्नेंट, कलकत्ता HC के सामने आया चौंकाने वाला मामला

बंगाल की जेलों में महिला कैदी हो रही हैं प्रेग्नेंट, कलकत्ता HC के सामने आया चौंकाने वाला मामला

पश्चिम बंगाल की जेलों में बंद कैदी महिलाएं गर्भवती हो रही हैं। ये जानकारी जेल सुधार से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान एमिकस क्यूरी ने कलकत्ता हाई कोर्ट को दी।

कलकत्ता हाई कोर्ट- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO कलकत्ता हाई कोर्ट

कलकत्ता हाई कोर्ट के सामने गुरुवार को एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। प्रदेश की जेलों में बंद कैदी महिलाएं गर्भवती हो रही हैं। पश्चिम बंगाल की कई जेलों में लगभग 196 बच्चों को जन्म दिया है। ये जानकारी जेल सुधार से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमित्र (एमिकस क्यूरी) ने कलकत्ता हाई कोर्ट को दी है। इस मामले पर गुरुवार 8 फरवरी को कोर्ट में सुनवाई हो रही थी। जानकारी शेयर करते हुए न्यायमित्र ने कैदी महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कुछ सुझाव भी दिए हैं।

मामला आपराधिक खंडपीठ को शिफ्ट करने का आदेश

इस मामले को कलकत्ता हाई कोर्ट ने आपराधिक खंडपीठ को शिफ्ट करने का आदेश दिया। वॉकील तापस कुमार भांजा को जेलों में कैदियों की अधिक संख्या पर 2018 के स्वत: संज्ञान मामले में अदालत की ओर से न्यायमित्र नियुक्त किया गया था। उन्होंने मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष इन मुद्दों और सुझावों वाला एक ज्ञापन दाखिल किया। पीठ ने कहा कि न्यायमित्र ने दावा किया है कि महिला कैदी हिरासत में गर्भवती हो रही हैं।

पश्चिम बंगाल की जेलों में 196 बच्चों ने लिया जन्म

ज्ञापन में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल की विभिन्न जेल में लगभग 196 बच्चे रह रहे हैं। भांजा ने सुधार गृहों के पुरुष कर्मचारियों के महिला कैदियों की जेल में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया। खंडपीठ में न्यायमूर्ति सुप्रतिम भट्टाचार्य भी शामिल थे। मुख्य न्यायाधीश ने निर्देश दिया कि इस संबंध में उचित आदेश के लिए मामला उनके समक्ष रखा जाए। मुख्य न्यायाधीश शिवगनामन ने इस मामले में एक आदेश पारित किया और कहा कि हमारे संज्ञान में लाया गया यह मुद्दा बहुत गंभीर है। हम इन सभी मामलों को आपराधिक मामलों की सुनवाई करने वाली पीठ को ट्रांसफर करना उचित समझते हैं। (इनपुट- भाषा)