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Hindi News पश्चिम बंगाल West Bengal| तृणमूल नेता को ‘चोर’ कहने वालों की ‘पीठ पर घूंसे मारे जाएंगे’: सौगत रॉय

West Bengal| तृणमूल नेता को ‘चोर’ कहने वालों की ‘पीठ पर घूंसे मारे जाएंगे’: सौगत रॉय

West Bengal: तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत रॉय ने शनिवार को विपक्षी दलों को यह चेतावनी देकर नया विवाद खड़ा कर दिया कि तृणमूल कांग्रेस के हर नेता पर ‘‘चोर’’ होने का ठप्पा लगाने वालों को पार्टी कार्यकर्ता ‘पीठ पर घूंसे मारेंगे।’

File Photo of TMC leader Saugata Roy- India TV Hindi Image Source : PTI File Photo of TMC leader Saugata Roy

West Bengal: तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत रॉय ने शनिवार को विपक्षी दलों को यह चेतावनी देकर नया विवाद खड़ा कर दिया कि तृणमूल कांग्रेस के हर नेता पर ‘‘चोर’’ होने का ठप्पा लगाने वालों को पार्टी कार्यकर्ता ‘पीठ पर घूंसे मारेंगे।’ रॉय ने उत्तरी कोलकाता के दमदम में एक बैठक में कहा कि अगर विपक्षी दल - भारतीय जनता पार्टी (BJP), कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा)- पूर्व मंत्री एवं पार्टी से निलंबित नेता पार्थ चटर्जी को निशाना बनाते हैं, तो वह इस पर आपत्ति नहीं जताएंगे, लेकिन उन्हें हर तृणमूल नेता पर ‘चोर’ का ठप्पा लगाने की ‘भूल’ नहीं करनी चाहिए। 

"अपनी पीठ पर जोरदार घूंसों के लिए तैयार हो जाइए"

रॉय ने विपक्ष को चेतावनी देते हुए कहा, ‘‘यदि आप इस प्रकार की टिप्पणी करते हैं, तो अपनी पीठ पर जोरदार घूंसों के लिए तैयार हो जाइए। फिर शिकायत मत करना।’’ भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने पलटवार करते हुए कहा कि रॉय ने तृणमूल में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए यह टिप्पणी की है। रॉय ने कहा, ‘‘अगर हमारी नेता ममता बनर्जी को भ्रष्टाचार की रानी के रूप में वर्णित किया जाता है, तो आपको (विपक्ष) नहीं पता कि पार्टी कार्यकर्ता नाराजगी में कैसी प्रतिक्रिया देंगे। जब लोग उग्र हो जाते हैं, तो वे अप्रत्याशित तरीके से प्रतिक्रिया देते हैं।’’ 

टीएमसी के लोगों को तब बुरा नहीं लगता, जब.......

रॉय ने कुछ दिनों बाद एक अन्य बैठक में कहा था कि विपक्ष में जो लोग तृणमूल कार्यकर्ताओं पर ‘चोर’ होने का ठप्पा लगाते हैं, उन्हें पार्टी कार्यकर्ता उनके इलाकों से बाहर निकाल देंगे। घोष ने कहा, ‘‘मैं सौगत दा से पूछता हूं कि क्या आपकी पार्टी के लोगों को तब बुरा नहीं लगता, जब एक के बाद एक तृणमूल नेता को नौकरी संबंधी घोटालों और पशु तस्करी के मामलों में गिरफ्तार किया जाता है, जब तृणमूल पंचायत और नगर पालिका के पदाधिकारी केंद्रीय ग्रामीण परियोजनाओं से धन लूटते हैं और जरूरतमंदों को वंचित करते हैं?’