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Hindi News पश्चिम बंगाल Exit Poll: बंगाल में भाजपा को किन वजहों से मिल रही बढ़त? क्या हैं अहम फैक्टर्स, जिस कारण हो सकता है खेला

Exit Poll: बंगाल में भाजपा को किन वजहों से मिल रही बढ़त? क्या हैं अहम फैक्टर्स, जिस कारण हो सकता है खेला

लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी के लिए अच्छी खबर आ रही है। अधिकांश एग्जिट पोल में बताया जा रहा है कि भाजपा तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है। ऐसे में हम आपको बताएंगे कि आखिर वो कौन से फैक्टर हैं, जिनके कारण भाजपा बंगाल में और मजबूत दिख रही है।

West Bengal Lok Sabha Election 2024 Why is BJP getting an edge in Bengal What are the important fact- India TV Hindi Image Source : PTI बंगाल में भाजपा को किन वजहों से मिल रही बढ़त?

लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर सात चरणों का मतदान समाप्त हो चुका है। एग्जिट पोल्स में भी चुनाव के संभावित परिणाम बता दिए गए हैं। लेकिन सभी की निगाहें 4 जून को आने वाले रिजल्ट पर टिकी हुई हैं। इंडिया टीवी सीएनएक्स द्वारा एग्जिट पोल का आयोजन किया गया। इस पोल के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में भाजपा खेला कर रही है। एग्जिट पोल के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में भाजपा को 22-26 सीटें मिलने जा रही है। वहीं टीएणसी को 14-18, कांग्रेस को 1-2 सीटें ही मिल सकती हैं। वहीं बंगाल में लोकसभा चुनाव में लेफ्ट का खाता खुलना भी अब मुश्किल लग रहा है।

किन वजहों से भाजपा को बंगाल में मिल रही बढ़त?

  • पश्चिम बंगाल में लंबे समय से हिंदू मतदाता, चाहे वो स्थानीय बंगाली मतदाता हों या फिर किसी दूसरे राज्य के मतदाता। उनमें ममता बनर्जी सरकार के प्रति भारी नाराजगी है। पश्चिम बंगाल के हिंदू मतदाताओं के तमाम वीडियो सोशल मीडिया पर डले पड़े हैं, जहां लोगों का यह कहना है कि ममता बनर्जी की सरकार किसी एक धर्म के लोगों को आगे बढ़ाने और हिंदुओं को दबाने में लगी हुई है। पूर्व में बंगाल में ऐसी कई घटनाएं भी देखने को मिल चुकी है।
  • बशीरहाट लोकसभा सीट के तहत आता है संदेशखाली। संदेशखाली में महिलाओं के साथ हुए यौन उत्पीड़न मामले पर भाजपा ने टीएमसी को खूब घेरा। आरोपी शाहजहां शेख का संबंध टीएमसी से निकला, लेकिन उसकी गिरफ्तारी में देरी ने राज्य सरकार की नीयत पर सवाल खड़े किए।
  • भाजपा अगर आज बंगाल में खेला कर रही है तो इसमें एक अहम ध्रुवीकरण की राजनीति का। दरअसल बंगाल में पिछली सरकारों के ट्रैक रिकॉर्ड को देखें तो पता चलता है कि बंगाल में चुनाव जीतना है तो हिंसा तो करना होता है। बंगाल में चुनाव से पहले, चुनाव के बाद हमेशा हिंसा होती रहती है। हिंदू-मुस्लिम दंगे होते हैं। राजनीतिक दलों द्वारा इसका लाभ लिया जाता है। स्थानीय लोगों का मानना है कि बंगाल सरकार मुसलमानों को बढ़ावा देती है। साथ ही हिंदुओं के साथ भेदभाव होता है। राम नवमी के अवसर पर शोभा यात्रा पर पत्थरबाजी होती है और ममता सरकार की चुप्पी उनकी नीयत पर सवाल खड़े करती है। यही वजह है कि ममता बनर्जी के खिलाफ लोगों में रोष बढ़ता जा रहा है।
  • राम मंदिर निर्माण के प्राण प्रतिष्ठा के दौरान खुशी की लहर बंगाल में भी देखने को मिली थी। इस साल बंगाल में और भी अधिक भव्य तरीके से रामनवमी का जगह-जगह आयोजन किया गया। राम मंदिर से भाजपा के प्रत्यक्ष जुड़ाव के कारण बंगाल में भाजपा के पक्ष में माहौल तैयार हुआ।
  • पीएम नरेंद्र मोदी हों या अमित शाह या कोई अन्य भाजपा का नेता। लोकसभा चुनाव के दौरान एक के बाद एक लगातार बंगाल में कई रैलियां आयोजित की गईं। खुद पीएम मोदी कई बार बंगाल में रैली करने जा चुके हैं। वहीं बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली हार के बाद भाजपा ने बंगाल में और भी आक्रामक ढंग से काम करना शुरू किया, जिसका परिणाम हुआ कि आज भाजपा बंगाल में बढ़त बनाती दिख रही है। 
  • अगर एग्जिट पोल्स के आंकड़ें को देखे तो यह साफ पता चलता है कि इतने सालों में पीएम मोदी की लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई है। साथ ही बंगाल में ममता बनर्जी सरकार पिछले कई सालों से है और बंगाल में भ्रष्टाचार का होना, रोजगार का न होना, फैक्ट्रियों का बंद होना, लॉ एंड ऑर्डर की समस्या आम बात है। ऐसे में पीएम मोदी द्वारा राज्य सरकार को लगातार इन मुद्दों पर घेरा गया, जिसका परिणाम है कि भाजपा का वोट शेयर बढ़ता दिख रहा है।