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Hindi News पश्चिम बंगाल WB Kurmi Protest: पश्चिम बंगाल में कुर्मी आंदोलन का असर, 9 और 10 अप्रैल के लिए 188 ट्रेनें रद्द

WB Kurmi Protest: पश्चिम बंगाल में कुर्मी आंदोलन का असर, 9 और 10 अप्रैल के लिए 188 ट्रेनें रद्द

इन रद्द किए गए कुल ट्रेनों में रविवार के लिए 95 ट्रेनों को और सोमवार के लिए 93 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। बता दें कि कुर्मी समुदाय के लोगों द्वारा अनुसूचित जनजाति कैटेगरी के तहत मान्यता के लिए लंबे समय से मांग चल रही है।

West Bengal Kurmi Protest 188 trains canceled by indian railways due to protest- India TV Hindi Image Source : PTI पश्चिम बंगाल में कुर्मी आंदोलन

WB Kurmi Protest: पश्चिम बंगाल में चल रहे कुर्मी आदोलन के कारण रविवार 9 अप्रैल और 10 अप्रैल सोमवार के दिन लिए 188 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। रद्द ट्रेनों में लोकल और एक्सप्रेस ट्रेनें भी शामिल हैं। इन ट्रेनों में हावड़ा दुरंतो एक्सप्रेस और शताब्दी एक्सप्रेस शामिल है। वहीं कई प्रीमियम ट्रेनों को भी रद्द कर दिया गया है। इन रद्द किए गए कुल ट्रेनों में रविवार के लिए 95 ट्रेनों को और सोमवार के लिए 93 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। बता दें कि कुर्मी समुदाय के लोगों द्वारा अनुसूचित जनजाति कैटेगरी के तहत मान्यता के लिए लंबे समय से मांग चल रही है। इस कारण कुर्मी समुदाय द्वारा रेल और सड़क पर नाकाबंदी की जा रही है। 
 
कुर्मी समाज का आंदोलन

रेलवे के सूत्रों के मुताबिक 5 अप्रैल से रद्द की गई ट्रेनों की कुल संख्या 496 हो जाएगी। बता दें कि इस आंदोलन के कारण कई ट्रेनों के रूटों को डायवर्ट भी करना पड़ा है। वहीं दक्षिणी पूर्वी रेलवे के अधिकारियों ने पश्चिम बंगाल सरकार को एक पत्र लिखा है। इस पत्र के राज्य पुलिस बलों की मदद मांगी गई है ताकि रेलवे अवरोध को हटाया जा सके। वहीं राज्य सरकार के सूत्रों की मानें तो साफ तौर पर कहा गया है कि यदि रेलवे अधिकारी चाहें तो रेलवे अवरोध को हटाने के लिए आवश्यक कार्रवाई कर सकते हैं। इस अवरोध को हटाने के लिए की जाने वाली कार्रवाई से राज्य सरकार को किसी प्रकार की आपत्ति नहीं है। 

क्या है कुर्मी समुदाय की मांग

कुर्मी समुदाय की अनुसूचित जनजाति श्रेणी के लिए मान्यता की लंबे समय से मांग कर रहा है। इसी मांग के लिए कुर्मी समुदाय द्वारा आंदोलन किया जा रहा है। वहीं कुर्मी समाज की शिकायत है कि राज्य सरकार की संस्था पश्चिम बंगाल कल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा अबतक कुर्मियों को आदिम जनजातियों के प्रतिनिधियों के रूप में मान्यता नहीं दी गई है। इसी मांग को लेकर कुर्मी समुदाय द्वारा आंदोलन कर रेलवे व सड़क पर नाकाबंदी की जा रही है।