कोलकाता: पश्चिम बंगाल में एकबार फिर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल के बीच टकराव जैसे हालात पैदा होने के आसार नजर आ रहे हैं। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने शनिवार को दावा कि उन्होंने गौर किया कि ‘मां’ कैंटीन योजना के लिए ‘‘ धन को असंवैधानिक रूप से गलत जगह लगाया गया।’’ गरीबों को रियायती मूल्य पर पका हुआ भोजन उपलब्ध कराने के लिए राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार फरवरी में मां कैटीन योजना शुरू की थी।
राज्यपाल धनखड़ ने वर्ष 2021-22 के बजट दस्तावेज का हवाला देते हुए कहा कि इसके तहत योजना का परिचालन मौजूदा वित्त वर्ष में एक अप्रैल से होना था, जिसके लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया लेकिन यह योजना मध्य फरवरी से ‘बिना वैध’ कोष के चल रही थी। उन्होंने कहा कि यह दिखाया गया और सार्वजनिक मंचों पर भी बताया गया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मध्य फरवरी में गरीबों को पांच रुपये में खाना मुहैया कराने के लिए ‘मां’ कैंटीन की शुरुआत की है।
राज्यपाल धनखड़ ने कहा कि बजट दस्तावेज बताता है कि वित्तवर्ष 2021-22 के लिए योजना के मद में 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने 31 मार्च तक योजना पर खर्च की गई राशि के स्रोत की जानकारी मांगी है।
राज्यपाल धनखड़ के आरोपों पर तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद सौगत राय ने कहा कि राज्यपाल पत्र लिखना जारी रख सकते हैं। लेकिन राज्य सरकार विधानसभा के प्रति उत्तरदायी है न कि उनके प्रति जो राज्यपाल के पद पर है। उन्होंने कहा, ‘‘यह राज्य सरकार पर है कि वह उन्हें जवाब दे या नहीं। लेकिन ऐसा लगता है कि उनकी आदत ट्वीट करने और विवाद पैदा करने की तथा राज्य सरकार से टकराव करने की है।’’