West Bengal: आयकर विभाग फिर से एक्शन मोड में आ गया है। आयकर विभाग को बिजली के ट्रांसमिशन और वितरण उपकरण बनाने के अलावा कुछ अन्य व्यवसाय में शामिल कोलकाता की एक कंपनी पर हाल में मारे गए छापे से 250 करोड़ रुपये से ज्यादा की ‘‘बेहिसाब’’ संपत्ति का पता चला है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी।
24 से 28 अगस्त के बीच मारे गए छापे
ये छापे पश्चिम बंगाल तथा झारखंड में कंपनी के परिसरों पर 24 से 28 अगस्त के बीच मारे गए थे। यह कंपनी इस्पात के पाइप और पॉलीमर के उत्पादों के निर्माण में भी शामिल है। बोर्ड ने एक बयान में कहा, ‘‘आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक की अचल संपत्ति तथा बेहिसाब नकद कर्ज के सबूत भी मिले हैं और जब्त साक्ष्यों के प्रारंभिक विश्लेषण से पता चलता है कि समूह ने हवाला कारोबार के लिए कई फर्जी कंपनियों का भी इस्तेमाल किया।’’
सीबीडीटी आयकर विभाग के लिए नीति बनाता है। उसने बताया कि इन छापों से अभी तक 250 करोड़ रुपये से अधिक की बेहिसाब आय का पता चला है।
बीते महीने भी एक बड़े ग्रुप पर की थी छापमोरी
बीते महीने आयकर के इंवेस्टिगेटिव विंग की ओर से महानगर के एफएमसीजी ग्रुप के यहां बड़ी कार्रवाई की गयी थी। आरोप है कि करोड़ों की टैक्स चोरी की खबर आयकर अधिकारियों को मिली थी। इसके बाद उक्त कंपनी से जुड़ी आईटीआर व अन्य दस्तावेजों की छानबीन करने के बाद आयकर विभाग की टीम ने महानगर, दुर्गापुर स्थित कुल 30 से अधिक स्थानों पर छापामारी की।
सूत्रों के मुताबिक ग्रुप का बंगाल के अलावा बिहार में भी वेयरहाउस है। आयकर की टीम ने सभी स्थानों पर एक साथ छापामारी की थी। गौरतलब है कि करीब 4000 करोड़ से ऊपर की टर्नओवर वाली कंपनी के कोलकाता में एन. एस रोड स्थित कार्यालय, बड़ाबाजार, साल्टलेक, भवानीपुर और कोलकाता के दर्जनों स्थानों पर तथा समूह के मालिक व डायरेक्टरों के आवास पर छापामारी की गई। उक्त ग्रुप का कुकिंग ऑयल, डेयरी, अंडा और चिकेन के अलावा कोल्ड स्टोरेज, फल, सब्जियों सहित अन्य सामग्रियों का व्यवसाय है।
सूत्रों की मानें तो आयकर के पास कई शिकायतें मिली थीं कि ग्रुप में कच्चे में काम किया जा रहा है और आयकर नहीं देना पड़े, इसके लिए कुल इनकम कम दिखाई जा रही है।