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Hindi News पश्चिम बंगाल West Bengal: ‘नबान्न चलो’ रैली में हुई हिंसा की जांच CBI और NHRC करे, BJP की समिति की मांग

West Bengal: ‘नबान्न चलो’ रैली में हुई हिंसा की जांच CBI और NHRC करे, BJP की समिति की मांग

West Bengal: ‘‘समिति की सिफारिश है कि पूरे मामले की केंद्रीय एजेंसी CBI से जांच होनी चाहिए। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भी वहां की पुलिस और तृणमूल कांग्रेस के गुंडों द्वारा किए गए घोर मानवाधिकार उल्लंघन और क्रूरता की जांच के लिए कोलकाता जाना चाहिए।’’

'Naban Chalo' rally- India TV Hindi 'Naban Chalo' rally

Highlights

  • पश्चिम बंगाल में BJP की समिति ने CBI जांच की सिफारिश की
  • 'नबान्न चलो' रैली के दौरान हुई थी हिंसक झड़प, 750 लोग हुए थे घायल
  • समिति ने अपना रिपोर्ट BJP राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी नड्डा को सौंपा

West Bengal: पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की 'नबान्न चलो' रैली के दौरान पुलिस और पार्टी सदस्यों के बीच हुई झड़प की जांच करने वाली एक समिति ने राज्य पुलिस पर तृणमूल कांग्रेस के इशारे पर कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए संबंधित हिंसा की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) से जांच कराए जाने की मांग की है। 

हिंसक झड़प में 750 से अधिक लोग घायल और 550 को 'जान बूझकर' गिरफ्तार किया गया -रिपोर्ट

भाजपा की पांच-सदस्यीय तथ्यान्वेषी समिति ने शनिवार को पार्टी अध्यक्ष जे. पी. नड्डा को अपनी रिपोर्ट सौंपी। उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक बृजलाल, राज्यवर्धन सिंह राठौर, अपराजिता सारंगी, समीर उरांव (सभी सांसद) और सुनील जाखड़ 13 सितंबर को रैली के दौरान हुई झड़प के बाद नड्डा द्वारा बनाई गई समिति के सदस्य थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस द्वारा बल प्रयोग के कारण 750 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जबकि 550 को 'जान बूझकर' गिरफ्तार किया गया है। समिति ने कहा है कि राज्य पुलिस से निष्पक्ष जांच की अपेक्षा नहीं की जा सकती है, क्योंकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के साथ पुलिस की मिलीभगत है। बनर्जी के पास ही गृह विभाग का प्रभार भी है। 

CBI से जांच की सिफारिश

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘समिति की सिफारिश है कि पूरे मामले की केंद्रीय एजेंसी CBI से जांच होनी चाहिए। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भी वहां की पुलिस और तृणमूल कांग्रेस के गुंडों द्वारा किए गए घोर मानवाधिकार उल्लंघन और क्रूरता की जांच के लिए कोलकाता जाना चाहिए।’’ भाजपा टीम ने दावे के साथ कुछ आईपीएस अधिकारियों का भी नाम लिया है, जिन्होंने सार्वजनिक रूप से अपने कर्तव्यों की ‘‘पूरी तरह से अनदेखी’’ की थी और पक्षपातपूर्ण तरीके से काम किया था। हालांकि, राज्य सरकार ने जोर देकर कहा है कि भाजपा के सदस्य ही हिंसक हो गए थे, जबकि पुलिस ने संयम से काम लिया था।