West Bengal Cabinet Reshuffle: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने आज बुधवार को कैबिनेट में बड़ा बदलाव किया है। उन्होंने अपनी कैबिनेट में 9 नए मंत्रियों को जगह दी है। उन्होंने BJP से TMC में आए बाबुल सुप्रियो (Babul Supriyo) को भी मंत्री बनाया है। इनके अलावा आठ और नेताओं को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है।
इन्होंने स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्रियों के तौर पर ली शपथ
राजभवन में राज्यपाल ला गणेशन ने बाबुल सुप्रियो के अलावा स्नेहाशीष चक्रवर्ती, पार्थ भौमिक, उदयन गुहा और प्रदीप मजूमदार को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलाई। कैबिनेट विस्तार को लेकर आयोजित कार्यक्रम में आदिवासी नेता बीरबाहा हांसदा और बिप्लब रॉय ने राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के तौर पर शपथ ली। वहीं, तजमुल हुसैन और सत्यजीत बर्मन ने राज्यमंत्री के तौर पर शपथ ली।
चटर्जी पर ED कार्रवाई से बैकफुट पर आ गई थी सरकार
ममता बनर्जी की सरकार ने कैबिनेट में बदलाव ऐसे समय में किया है जब TMC के पूर्व मंत्री रहे पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) पर ED की कार्रवाई लगातार जारी है। पश्चिम बंगाल से जुड़े टीचर भर्ती घोटाले में पार्थ चटर्जी का नाम सामने आया था। उनके घर पर छापेमारी के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था, जिससे सरकार बैकफुट पर आ गई थी। इसे लेकर ममता सरकार ने एक्शन लेते हुए पार्थ चटर्जी को मंत्री पद और TMC के सभी पदों से हटा दिया था।
कैबिनेट में फेरबदल को लेकर ममता बनर्जी ने किया था ऐलान
पार्थ चटर्जी उद्योग, वाणिज्य, उपक्रम और संसदीय कार्य समेत पांच अहम विभागों के प्रभारी थे। पार्थ चटर्जी जब शिक्षा मंत्री थे तब इस दौरान घोटाले के लिए उनको गिरफ्तार किया गया है। TMC प्रमुख ममता बनर्जी ने सोमवार को अपनी पार्टी के संगठन में बड़ा बदलाव किया था और घोषणा की थी कि मंत्रिमंडल में फेरबदल बुधवार को होगा। उन्होंने तब कहा था कि नए मंत्रिमंडल में चार-पांच नए चेहरे शामिल किए जाएंगे और इतने ही वर्तमान मंत्री पार्टी कार्य में लगाए जाएंगे। साथ ही कुछ मंत्रियों के विभाग भी बदले जा सकते हैं।
2011 में TMC के सत्ता में आने के बाद से यह सबसे बड़ा फेरबदल
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल कैबिनेट में हुए बदलाव में बाबुल सुप्रियो को मंत्री बनाए जाना चौंकाने वाला है। बाबुल सुप्रिय सितंबर 2021 में BJP छोड़कर TMC में शामिल हुए थे। अप्रैल 2022 में बालीगंज सीट से विधानसभा का उपचुनाव जीतकर विधायक बने थे। इससे पहले उन्होंने अपनी लोकसभा सीट आसनसोल से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उन्होंने BJP का साथ छोड़ TMC का दामन थाम लिया था। वहीं, 2011 में TMC के सत्ता में आने के बाद से यह सबसे बड़ा फेरबदल है।