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बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए अंतिम मतदाता सूची 15 जनवरी को प्रकाशित की जाएगी: CEO

पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी आफ़ताब ने बताया कि उन्होंने चुनावी तैयारियों को लेकर उत्तर बंगाल के 5 जिलों के अधिकारियों के साथ बैठक की।

Bengal Election, Bengal Election Date, Bengal Election Voter List, Bengal Election 2021 Date- India TV Hindi Image Source : PTI REPRESENTATIONAL पश्चिम बंगाल में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी शुरू हो चुकी है।

जलपाईगुड़ी: पश्चिम बंगाल में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी शुरू हो चुकी है। चुनाव आयोग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, सूबे में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए अंतिम मतदाता सूची 15 जनवरी को प्रकाशित की जाएगी। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) आरिज़ आफ़ताब ने गुरुवार को कहा कि राज्य में मतदाता सूची में संक्षिप्त संशोधन चल रहा है। बता दें कि राज्य में अप्रैल-मई 2021 में विधानसभा चुनाव होने हैं। आफ़ताब ने कहा, ‘राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अंतिम मतदाता सूची 15 जनवरी को प्रकाशित की जाएगी।’

5 जिलों के अधिकारियों संग की बैठक
बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी आफ़ताब ने बताया कि उन्होंने चुनावी तैयारियों को लेकर उत्तर बंगाल के 5 जिलों के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में अलीपुरद्वार, कूचबिहार, दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी और कलिम्पोंग के जिला मजिस्ट्रेट और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। इससे पहले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बुधवार को आरोप लगाया था कि राज्य में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव नहीं होते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि यह सुनिश्चित करना उनका दायित्व है कि लोगों को बिना भय के अपने मताधिकार के इस्तेमाल का अवसर मिले।

‘बंगाल में नहीं होते हैं निष्पक्ष चुनाव’
कोलकाता में एक मंदिर के दौरे के दौरान धनखड़ ने कहा था, ‘बिना डर के स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव नहीं होते हैं।’  राज्यपाल ने कहा कि उन्हें इसकी परवाह नहीं कि लोग किसे मतदान करते हैं, लेकिन यह सुनिश्चित करना उनका दायित्व है कि उन्हें बिना किसी भय के अपने मताधिकार के इस्तेमाल का अवसर मिले। उन्होंने सरकारी मशीनरी से भी अगले साल अप्रैल-मई में होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के दौरान तटस्थ रहने का अनुरोध किया। बता दें कि धनखड़ के पिछले साल जुलाई में राज्यपाल बनने के बाद से ही उनके साथ टकराव की राह पर रही तृणमूल कांग्रेस ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से उन्हें हटाने का अनुरोध करते हुए दावा किया था कि वह असंवैधानिक तरीके से काम कर रहे हैं।