Trinamool insulted Kali: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस द्वारा नए संसद भवन के ऊपर राष्ट्रीय प्रतीक की आलोचना पर पलटवार करते हुए कहा कि यह ऐसी पार्टी की तरफ से अप्रत्याशित नहीं है जो देवी काली का अपमान करती है और संविधान के प्रति बहुत सम्मान का भाव नहीं रखती है। इससे पहले तृणमूल कांग्रेस सांसद जवाहर सरकार ने दावा किया कि मूल राष्ट्रीय प्रतीक में अशोक के शेर 'सुंदर' थे, जबकि नए संसद भवन के ऊपर बने प्रतीक में शेर 'उग्र' दिख रहे हैं।
अशोक की लाट में चित्रित शेरों का अपमान
ईरानी ने हावड़ा में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'जिन नेताओं ने सालों से संविधान की या तो अवहेलना की या उन्हें त्याग दिया है, उनसे राष्ट्रीय प्रतीक के विरोध की ही उम्मीद है। आज वे राष्ट्रीय प्रतीक से डरते हैं, जो हमारे देश का गौरव है। देवी काली का अपमान करने वाली पार्टी और उसके नेताओं से यह अप्रत्याशित नहीं है कि वे राष्ट्रीय प्रतीक का अपमान करें।' जवाहर सरकार ने राष्ट्रीय प्रतीक के दो अलग-अलग चित्रों को साझा करते हुए ट्वीट किया, 'यह हमारे राष्ट्रीय प्रतीक का, अशोक की लाट में चित्रित शानदार शेरों का अपमान है। बाईं ओर मूल चित्र है। मोहक और राजसी शान वाले शेरों का। दाईं तरफ मोदी वाले राष्ट्रीय प्रतीक का चित्र है जिसे नये संसद भवन की छत पर लगाया गया है। इसमें गुर्राते हुए, अनावश्यक रूप से उग्र और बेडौल शेरों का चित्रण है। शर्मनाक! इसे तत्काल बदलिए।'
विपक्षी नेताओं से सलाह नहीं ली गई
स्मृति ईरानी के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल ने राष्ट्रीय प्रतीक के बारे में अपने सांसदों की बातों का समर्थन किया। वरिष्ठ मंत्री शशि पांजा ने कहा, 'यह एक आपदा है। चार सिंह, जिन्हें शांत और राजसी होने चाहिए, उग्र और बेडौल दिखाई देते हैं। ऐसा तब होता है जब विपक्षी नेताओं को विश्वास में नहीं लिया जाता और सलाह नहीं ली जाती है। यह सहकारी संघवाद की भावना के खिलाफ है।'