पश्चिम बंगाल में अपराधी कितना फल-फूल रहे हैं, उसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि उत्तरी 24 परगना जिले में एक भीड़भाड़ वाले बाजार में हमलावरों ने तृणमूल कांग्रेस के एक पंचायत प्रधान की हत्या कर दी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि गुरुवार शाम सात बजे कामदेवपुर हाट में जब अमडंगा के तृणमूल कांग्रेस पंचायत प्रधान रूपचंद मंडल फोन पर किसी से बात कर रहे थे, तभी हमलावरों ने उन पर बम फेंक दिया। उन्होंने बताया कि घायल मंडल को पहले एक स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र और वहां से बारासात के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया जहां उन्होंने दम तोड़ दिया।
तृणमूल समर्थकों ने नेशनल हाईवे किया जाम
बता दें कि कुछ दिन पहले दक्षिण 24 परगना जिले के जॉयनगर में एक अन्य तृणमूल पंचायत सदस्य की हत्या कर दी गयी थी। वहीं गुरुवार को मंडल की मौत की खबर फैलने पर स्थानीय लोग और तृणमूल समर्थकों ने नेशनल हाईवे-34 को जाम कर दिया और अपराधियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। इतनी बड़ी वारदात की खबर लगते ही बैरकपुर के सांसद अर्जुन सिंह ने इलाके का दौरा किया और क्षेत्र में तनाव फैलाने के लिए जिम्मेदार लोगों की गिरफ्तारी की मांग की। सिंह ने कहा कि यह सुनियोजित हत्या लग रही है और पुलिस को गुनाहगारों का पता लगाना चाहिए।
तृणमूल कांग्रेस ने बीजेपी पर लगाए आरोप
वहीं इस हफ्ते की शुरूआत में भी दक्षिण 24 परगना जिले में तृणमूल पंचायत नेता सैफुद्दीन लस्कर की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। तृणमूल प्रवक्ता जयप्रकाश मजूमदार ने मीडिया से कहा कि भारतीय जनता पार्टी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल के ग्रामीण क्षेत्रों में आतंक का माहौल पैदा कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव से पहले तृणमूल की ताकत घटाने के एकमात्र मकसद से वे हमारे लोकप्रिय नेताओं को निशाना बना रही हैं। विपक्ष का खेल सफल नहीं होगा।’’ वहीं दूसरी ओर भाजपा नेता दिलीप घोष ने दावा किया कि इस हत्या में सत्तारूढ़ तृणमूल के ही दो गुट शामिल हैं।
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