कोलकाता: भारतीय जनता पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने मंगलवार को ममता बनर्जी सरकार पर बड़ा हमला बोला। घोष ने कहा कि ममता बनर्जी सरकार में मुसलमानों को उचित हक-हिस्सा नहीं मिला। बीजेपी नेता ने कहा कि अब अल्पसंख्यक समुदाय के लिए अपने अधिकारों को हासिल करने का वक्त है। घोष ने हावड़ा में एक जनसभा में कहा कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ‘तुष्टिकरण की राजनीति’ पर चल रही है लेकिन पार्टी ने मुसलमानों की वित्तीय हालत को ऊंचा उठाने के लिए कुछ नहीं किया। पिछले कुछ समय से बीजेपी और तृणमूल के नेता एक-दूसरे पर लगातार हमला बोल रहे हैं।
‘…तो बंगाल के मुसलमान इतने गरीब क्यों हैं?’
जनसभा को संबोधित करते हुए घोष ने कहा, ‘यदि तृणमूल कांग्रेस को मुसलमानों से इतना प्यार है तो वे इतने गरीब क्यों हैं? सच्चर समिति ने कहा था कि बंगाल के मुसलमान बहुत गरीब हैं।’ घोष ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान सभी को अनाज देने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सद्भावना सभी को लाभ पहुंचाने के लिए था, भले ही उसका धर्म कुछ भी क्यों न हो। उन्होंने कहा, ‘पश्चिम बंगाल में मुसलमान मवेशी तस्करी जैसे विभिन्न अपराधों को लेकर पुलिस मामलों से लाद दिए गए हैं।’ उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र द्वारा पश्चिम बंगाल को भेजे गय खाद्यान्न को बांग्लादेश भेज दिया गया।
‘AIMIM के चुनाव लड़ने से दीदी परेशान क्यों?’
प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, ‘आज बंगाल के मुसलमानों ने (तृणमूल की मंशा का) अहसास कर लिया है और वे अपने अधिकारों को हासिल करने के लिए तैयार हैं। यदि हैदराबाद की एआईएमआईएम यहां विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती है तो दीदी (ममता बनर्जी) परेशान क्यों हैं? यदि AIMIM यहां अपनी उपस्थिति कायम करना चाहती है, तो उसे करना चाहिए।’ घोष ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी कभी भी तुष्टिकरण की राह पर नहीं चलेगी। बता दें कि पश्चिम बंगाल में अगले कुछ महीनों में चुनाव होने वाले हैं और इस समय सभी राजनीतिक दल अपनी संभावनाएं तलाशने में जुट गए हैं। (भाषा)