तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के एक प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को लगातार दूसरे दिन पश्चिम बंगाल के संदेशखाली का दौरा किया और उन ग्रामीणों की शिकायतें सुनीं जो पार्टी के स्थानीय नेताओं के कथित अत्याचारों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। राज्य के मंत्री पार्थ भौमिक और सुजीत बोस की सदस्यता वाले प्रतिनिधिमंडल ने बरमाजुर क्षेत्र का दौरा किया, जहां हाल ही में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ था। प्रतिनिधिमंडल ने स्थानीय लोगों से उनकी शिकायतों को दूर करने के लिए डेढ़ महीने का समय मांगा।
संदेशखाली में टीएमसी का दौरा
राज्य के मंत्रियों ने संदेशखाली में ग्रामीणों से अपनी मांगें पेश करने का आग्रह भी किया। भौमिक और बोस ने राधा कृष्ण मंदिर में ‘कीर्तन’ में भाग लिया और वहां सभा को संबोधित किया। राज्य के सिंचाई मंत्री भौमिक ने कहा, “हमें डेढ़ महीने का समय दीजिए। हमने वादा किया है कि जमीन हड़पने की जितनी भी घटनाएं सामने आई हैं, उनका सत्यापन किया जाएगा। हम सभी समस्याओं का समाधान एक बार में नहीं कर सकते। मुद्दों के समाधान के लिए, आधिकारिक प्रक्रियाएं हैं जिन्हें पूरा करने के लिए समय की आवश्यकता होती है।”
संदेशखाली में महिलाओं का विरोध प्रदर्शन
संदेशखाली में बड़ी संख्या में महिलाओं ने स्थानीय तृणमूल नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। इस मामले में ग्रामीणों के विरोध प्रदर्शन के बीच सत्तारूढ़ दल के नेताओं का संदेशखाली का यह चौथा दौरा है। प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों की एक टीम पर पांच जनवरी को भीड़ ने उस समय हमला किया था जब उसने पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में शेख के आवास में प्रवेश करने की कोशिश की थी। हमले में तीन अधिकारी घायल हो गए थे।
(इनपुट-भाषा)