कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर की रेप और हत्या मामले में के बाद देशभर में डॉक्टरों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। इसे लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन यानी आईएमए ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखते हुए डॉक्टरों की सुरक्षा की मांग की है। वहीं दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के हस्तक्षेप के बाद 43 डॉक्टरों के तबादले को भी रोक दिया है। इस तबादले को लेकर विभिन्न चिकित्सा हलकों में सवाल उठ रहे थे। बता दें कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा डॉक्टरों के तबादले पर कोलकाता मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के प्रिंसिपल डॉ. इंद्रनील बिस्वास ने बयान दिया है।
डॉक्टरों के ट्रांसफर पर क्या बोले डॉक्टर
उन्होंने कहा, "हमें एक आदेश मिला है और यह एक नियमित आदेश (तबादले का) है। हर वरिष्ठ डॉक्टर अनुकंपा पर है। हमारे मेडिकल कॉलेज में, कुछ विभागों में शिक्षकों की संख्या कम है। इसलिए हमने पहले ही कुछ प्रतिस्थापन के लिए कहा है। निर्धारित चिकित्सा पाठ्यक्रमों के 42 से अधिक डॉक्टरों का तबादला किया गया है। यह एक सतत प्रक्रिया है। यहां मौजूद सभी डॉक्टर हमारे छात्रों के साथ हुई इस तरह की घटना का समर्थन नहीं करते हैं। जब छात्र विरोध कर रहे हैं, तो हम भी छात्रों के पक्ष में हैं। इसलिए, इस संस्थान का कोई भी डॉक्टर आंदोलन के खिलाफ नहीं है। लेकिन बात यह है कि हमें यह भी सोचना होगा कि आम लोगों को सेवा मिलनी चाहिए।
डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन जारी
बता दें कि पश्चिम बंगाल के कोलकाता में स्थिति आरजी कर मेडिकल कॉलेज में लेडी डॉक्टर संग हुई रेप और मर्डर की घटना के बाद से लगातार डॉक्टर अपनी सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। वहीं इस मामले पर राजनीति भी तेज हो गई है। देशभर के अलग-अलग राज्यों के डॉक्टर और अस्पताल इस आंदोलन में कूद पड़े हैं। वहीं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन में भी कार्रवाई की मांग की है। डॉक्टरों को विरोध प्रदर्शन पर जाने के कारण मरीजों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं इस मामले की जांच सीबीआई करने में जुटी हुई है।
(रिपोर्ट-ओंकार, अविनाश तिवारी)