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Hindi News पश्चिम बंगाल ममता की पार्टी टीएमसी का बड़ा फैसला, पूर्व सांसद शांतनु सेन और पूर्व विधायक अराबुल इस्लाम सस्पेंड, सामने आई ये वजह

ममता की पार्टी टीएमसी का बड़ा फैसला, पूर्व सांसद शांतनु सेन और पूर्व विधायक अराबुल इस्लाम सस्पेंड, सामने आई ये वजह

पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस ने बड़ा फैसला लेते हुए पूर्व सांसद और पूर्व विधायक को पार्टी से सस्पेंड कर दिया है।

Mamata Banerjee- India TV Hindi Image Source : FILE ममता बनर्जी

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने शुक्रवार को अपने पूर्व राज्यसभा सदस्य शांतनु सेन और पूर्व विधायक अराबुल इस्लाम को कथित तौर पर पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए निलंबित कर दिया। पार्टी के उपाध्यक्ष जयप्रकाश मजूमदार ने यह जानकारी दी। पेशे से चिकित्सक और टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के विश्वासपात्र माने जाने वाले सेन ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला चिकित्सक से दुष्कर्म और उसकी हत्या की जांच के लिए पुलिस की आलोचना की थी।

मुश्किल समय में पार्टी के साथ खड़ा रहा

पत्रकारों से बात करते हुए शांतनु सेन ने कहा कि उन्हें निलंबन के बारे में पार्टी से अभी तक कोई सूचना नहीं मिली है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे वास्तव में, निलंबित किए जाने का कारण नहीं पता। मुझे अभी तक पार्टी से इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। मुझे निलंबन के लिए कोई उचित कारण नहीं मिला। मैं पार्टी का एक वफादार सिपाही रहा हूं। मैं दूसरों की तरह पार्टी बदलने वाला नहीं हूं और उस मुश्किल समय में पार्टी के साथ खड़ा रहा हूं, जब दूसरे लोग पार्टी से दूर भाग रहे थे।’’ आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में अनियमितताओं तथा उसके तत्कालीन प्राचार्य संदीप घोष के खिलाफ आवाज उठाने पर अगस्त माह में सेन को पार्टी प्रवक्ता के पद से हटा दिया गया था। 

अनुशासन बनाए रखने का संकेत

दूसरी तरफ, कोलकाता के बाहरी इलाके भांगोर के रहने वाले इस्लाम का पार्टी विधायक सौकत मुल्ला के साथ टकराव अक्सर शीर्ष नेतृत्व के लिए शर्मिंदगी का कारण बनता रहा है। इस मामले में टिप्पणी के लिए इस्लाम से संपर्क नहीं हो पाया। निलंबन की कार्रवाई 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी में अनुशासन बनाये रखने के टीएमसी नेतृत्व के प्रयास का संकेत है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नवंबर में कई अनुशासन समितियों का गठन किया था और पार्टी नेताओं को विभिन्न मुद्दों पर पार्टी की नीतियों के खिलाफ जाने को लेकर आगाह किया था। (भाषा)