"वोट किसी भी पार्टी को दें, लेकिन...", 'सद्भाव रैली' के समापन पर अभिषेक बनर्जी की अपील
तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के लोगों से अपील की कि लोकसभा चुनाव में वे चाहे किसी भी सियासी दल को वोट दें, लेकिन धर्म के नाम पर नहीं दें।
राम मंदिर के उद्घाटन के मौके पर सोमवार को पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सर्वधर्म सद्भाव रैली निकाली। रैली शुरू करने से पहले उन्होंने कालीघाट मंदिर में पूजा की। रैली में शामिल हुए तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पार्टी के लोकसभा सदस्य अभिषेक बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के लोगों से अपील है कि लोकसभा चुनाव में वे चाहे किसी भी सियासी दल को वोट दें, लेकिन धर्म का नाम पर नहीं, बल्कि काम देखकर दें।
सद्भाव रैली में क्या बोले बनर्जी?
अभिषेक बनर्जी ने पार्टी की ओर से आयोजित 'सद्भाव रैली' के अंत में कहा, "आप तृणमूल कांग्रेस या सीपीआई (एम) या कांग्रेस या बीजेपी के लिए वोट कर सकते हैं, लेकिन धर्म के नाम पर वोट न करें, बल्कि आपकी की गई सेवाओं के नाम पर वोट करें। लोकतंत्र में न तो प्रधानमंत्री, न राष्ट्रपति, न ही मुख्यमंत्री और न ही राज्यपाल सर्वोच्च हैं। लोकतंत्र में केवल लोक यानी आप लोग ही असली ताकत रखते हैं और अंतिम शब्द कहते हैं।''
रैली हाजरा क्रॉसिंग से शुरू हुई और पार्क सर्कस सेवन-पॉइंट क्रॉसिंग पर जाकर खत्म हुई। तृणमूल नेता ने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल के लोगों को वोट देने से पहले यह याद रखना चाहिए कि केंद्र सरकार की ओर से विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत केंद्रीय धन जारी करने से इनकार करने के बाद उन्हें किस तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था। अभिषेक बनर्जी ने कहा, "अगर आप मनरेगा के तहत 100 दिन की रोजगार योजना या गरीबों के लिए आवास योजना जैसे मुद्दों को ध्यान में रखकर वोट करते हैं, तो कोई भी नेता, चाहे वह कितना भी बड़ा क्यों न हो, आपके वैध विचारों को रोक नहीं पाएगा।"
"हम कभी भी धर्म पर राजनीति नहीं करते"
उन्होंने यह भी कहा कि तृणमूल अपनी राजनीति करते समय हमेशा जन-समर्थक मुद्दों पर विश्वास करती है। अभिषेक ने कहा, “हम कभी भी धर्म पर राजनीति नहीं करते। कुछ लोग कह रहे हैं कि हिंदू खतरे में हैं, तो कुछ कह रहे हैं कि मुसलमान खतरे में हैं, मगर हम कह रहे हैं कि आज पूरा हिंदुस्तान खतरे में है, क्योंकि हमारा लोकतंत्र खतरे में है, हमारा संविधान खतरे में है।” (IANS इनपुट के साथ)
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