राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा छिना तो बौखलाई TMC, चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर उठाए सवाल
देश में अब 6 राष्ट्रीय दल हैं, जिनमें बीजेपी, कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, नेशनल पीपुल्स पार्टी और आम आदमी पार्टी शामिल हैं।
कोलकाता: राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा खोने के एक दिन बाद तृणमूल कांग्रेस ने मंगलवार को चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिया। पार्टी ने कहा कि क्या कांग्रेस और बीजेपी को छोड़कर बाकी की पार्टियों ने राष्ट्रीय दर्जे से संबंधित सभी निर्धारित नियमों को पूरा किया है। ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी TMC अब निर्वाचन आयोग के फैसले को चुनौती देने के लिए कानूनी विकल्प भी तलाश रही है। इस बीच बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ TMC तंज कसते हुए कहा कि उसे अपने नाम 'ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस' से 'ऑल इंडिया' हटा देना चाहिए।
कांग्रेस ने कहा- चुकी हुई ताकत है TMC
वहीं, पश्चिम बंगाल कांग्रेस ने टीएमसी को राष्ट्रीय स्तर पर ‘चुकी हुई ताकत’ करार दिया। बता दें कि चुनाव आयोग ने सोमवार को TMC, NCP और CPI का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस ले लिया था। देश में अब 6 राष्ट्रीय दल हैं, जिनमें बीजेपी, कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, नेशनल पीपुल्स पार्टी और आम आदमी पार्टी शामिल हैं। टीएमसी के प्रदेश उपाध्यक्ष जयप्रकाश मजूमदार ने कहा, ‘हम कानूनी विकल्प तलाश रहे हैं, क्योंकि हम निर्वाचन आयोग के फैसले से सहमत नहीं हैं। यह एक निष्पक्ष निर्णय नहीं है।’
‘पैसे खर्च कर कोई राष्ट्रीय पार्टी नहीं बन सकता’
एक क अन्य टीएमसी नेता ने कहा कि यह देखना होगा कि क्या कांग्रेस और भाजपा को छोड़कर अन्य सभी दलों ने प्रतिष्ठित दर्जा पाने के लिए सभी नियमों को पूरा किया। वहीं, BJP ने राष्ट्रीय दल का दर्जा छिन जाने के बाद TMC पर तंज कसा है। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, ‘निर्वाचन आयोग को टीएमसी को उसके नाम में 'ऑल इंडिया' शब्द इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। अगले कुछ साल में वह बिना चुनाव चिह्न वाली पार्टी बन जाएगी। कोई भी जबरन और पैसे खर्च कर राष्ट्रीय पार्टी नहीं बन सकता।’
‘कांग्रेस की जगह लेने का सपना चकनाचूर हुआ’
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर चौधरी ने कहा कि टीएमसी का राष्ट्रीय मंच पर सबसे पुरानी पार्टी की जगह लेने का सपना अब चकनाचूर हो गया है। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस की कीमत पर पश्चिम बंगाल में टीएमसी का विस्तार हुआ। तब इसने कांग्रेस नेताओं की खरीद-फरोख्त कर बंगाल के बाहर अपना आधार बढ़ाने का सपना देखा था। लेकिन अब, राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा चले जाने के बाद टीएमसी राष्ट्रीय स्तर पर एक चुकी हुई ताकत है।’ गोवा और मेघालय जैसे विभिन्न राज्यों में कांग्रेस नेता विशेष रूप से चुनाव से पहले TMC में शामिल हो गए थे।