पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने मंगलवार को कलकत्ता हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की मांग की। याचिका में विपक्ष के नेता ने इस मामले में भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) से ऑडिट कराने की भी मांग की।
प्रधान न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ इस सप्ताह मामले की सुनवाई कर सकती है। जनहित याचिका (PIL) में बीजेपी नेता ने कथित तौर पर राज्य सरकार की ओर से प्रदान किए गए आंकड़ों में अनियमितताओं को उजागर किया है।
'इस संबंध में विभिन्न मंत्रियों को कई पत्र लिखे हैं'
अधिकारी ने कहा, "केंद्र सरकार की ओर से प्रदान किए गए धन के साथ राज्य सरकार को भ्रष्ट आचरण में लिप्त होने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। मैंने इस संबंध में विभिन्न मंत्रियों को कई पत्र लिखे हैं। मैंने यह भी बताया है कि मनरेगा के तहत धन को कैसे डायवर्ट किया गया है।"
उन्होंने यह भी दावा किया कि अगले साल होने वाले पंचायत चुनाव से पहले अनियमितताएं तेज हो गई हैं। अधिकारी ने 7 नवंबर को केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री, गिरिराज सिंह को पत्र लिखकर मनरेगा योजना की अनियमितताओं की सीबीआई या समकक्ष केंद्रीय एजेंसी की ओर से जांच की मांग की गई थी। अब उन्होंने इसी मांग को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।