कोलकाता : टीएमसी ने शुभेंदु अधिकारी के पार्टी छोड़ने पर बड़ा हमला बोला है। टीएमसी के बड़े नेता सौगत रॉय ने कहा कि शुभेंदु ने पार्टी छोड़कर बड़ा विश्वासघात किया है। उन्हें पार्टी छोड़ना ही था तो दो साल पहले छोड़ देते। चुनाव के छह महीने पहले पार्टी छोड़ना ठीक नहीं है। सौगत रॉय ने शुभेंदु अधिकारी के पार्टी छोड़ने और बीजेपी में शामिल होने की अटकलों के बीच यह बयान दिया है।
पिछले कई दिनों से लग रही अटकलों पर विराम लगाते हुए तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता शुभेंदु अधिकारी ने बुधवार को विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। भाजपा में उनके शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं। इस बीच, पार्टी के सांसद समेत अन्य असंतुष्ट नेता अधिकारी के समर्थन में खुलकर सामने आए हैं और तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व की कार्यशैली पर असंतोष जताया है। पूर्वी मेदिनीपुर जिले में नंदीग्राम निर्वाचन क्षेत्र से विधायक शुभेंदु अधिकारी ने पिछले महीने राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था और वह पिछले कुछ समय से पार्टी नेतृत्व से दूरी बरत रहे थे। वह बुधवार शाम राज्य विधानसभा आए और विधानसभा के सचिव को अपना इस्तीफा सौंपा।
शुभेंदु अधिकारी ने 2009 में नंदीग्राम में वाम मोर्चा की सरकार के खिलाफ भूमि अधिग्रहण विरोधी आंदोलन में ममता बनर्जी की मदद की थी और इसके बाद तृणमूल कांग्रेस 2011 में सत्ता में आयी। उनको मनाने का प्रयास नाकाम रहा। अधिकारी ने बिना किसी का नाम लिए हालिया दिनों में कई मुद्दों पर तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व की आलोचना की। उधर, अधिकारी ने विधायक पद से इस्तीफा देने के कुछ घंटे बाद बुधवार को वरिष्ठ सांसद सुनील मंडल और आसनसोल नगर निगम के प्रमुख जितेंद्र तिवारी समेत पार्टी के असंतुष्ट नेताओं के साथ मुलाकात की।
अधिकारी पश्चिम बर्द्धमान जिले में कांकसा में मंडल के आवास पर उनसे मिलने गए। सूत्रों ने बताया कि बर्द्धमान पूर्व लोकसभा क्षेत्र के दो बार के सांसद मंडल ने अधिकारी का स्वागत किया और उन्हें भीतर ले गए। वह सुबह ही अधिकारी के समर्थन में सामने आए थे और शिकायतों को दूर नहीं करने के लिए पार्टी पर दोष मढ़ा था। कुछ देर बाद तिवारी भी मंडल के आवास में जाते हुए नजर आए। तिवारी ने राजनीतिक कारणों से केंद्रीय कोष से आसनसोल को वंचित रखने के लिए राज्य सरकार की आलोचना की थी। तिवारी पांडवेश्वर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं।
इनपुट-भाषा