कोलकाता: गायक से नेता बने बाबुल सुप्रियो का कहना है कि उन्होंने अपने विरोधियों से मुलाकात की और अपने बारे में उनकी आशंकाओं को दूर किया है। बंगाल की बालीगंज विधानसभा सीट पर होने जा रहे उपचुनाव में तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार सुप्रियो ने कहा कि वह बंगाल की धर्मनिरपेक्ष संस्कृति के लिए प्रतिबद्ध हैं। पिछले साल भाजपा छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने शनिवार को कहा कि उन्हें बालीगंज से उपचुनाव जीतने का पूरा भरोसा है।
सुप्रियो ने कहा कि उनका मानना है कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के लिए जनता का भारी समर्थन बरकरार रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि जिस प्रतिष्ठित विधानसभा क्षेत्र से उनकी नयी पार्टी ने उन्हें मैदान में उतारा है, वहां उनका किसी से कोई मतभेद नहीं है। सुप्रियो ने पीटीआई-भाषा के साथ साक्षात्कार में कहा, ''बहुत से लोगों के मन में यह आशंका थी कि मैं एक विरोधी पार्टी (भाजपा) से आने के बाद पार्टी (तृणमूल कांग्रेस) में नया हूं, मैं सभी (जिन्हें मेरे बारे में शंका थी) से एक-दो बार मिला हूं और उनके सवालों का जवाब दिया है। चीजें सुलझ गई हैं।''
इस सितंबर में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए आसनसोल के पूर्व भाजपा सांसद सुप्रियो ने कहा कि शुक्रवार रात शहर के पार्क सर्कस क्षेत्र में शब-ए-बरात के मौके पर एक सभा में उन्होंने उन लोगों से मुलाकात की, जिन्होंने उनके बारे में शंका व्यक्त की थी। इलाके के इमामों के एक निकाय ने उस निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री को मैदान में उतारने के औचित्य पर सवाल उठाया था।
निकाय का कहना था कि इस विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले दिवंगत टीएमसी नेता सुब्रत मुखर्जी एक 'विश्वसनीय धर्मनिरपेक्ष नेता' थे। सुप्रियो ने कहा, '' मुझे नहीं लगता कि यहां कुछ भी ऐसा है जोकि मेरे खिलाफ जाएगा क्योंकि सबसे पहले तो मैं ममता बनर्जी का उम्मीदवार हूं और दूसरा यह कि मैंने दो बार आसनसोल में जीत दर्ज की है। मेरा काम बोलेगा।'' सुप्रियो ने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि ममता बनर्जी की बढ़ती लोकप्रियता के बीच कोई ऐसा कारण नहीं है कि लोग बनर्जी या उनके किसी भी उम्मीदवार के खिलाफ मतदान करेंगे।