कोलकाता: पश्चिम बंगाल के राशन घोटाले का आरोपी शेख शाहजहां पर शिंकजा कसता जा रहा है। गुरुवार 29 फरवरी को उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां उसे 10 दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया गया। हालांकि इस दौरान पुलिस ने कोर्ट से 14 दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन उन्हें केवल 10 दिन की ही रिमांड मिली है।
शेख के खिलाफ तीन एफआईआर दर्ज
सूत्रों के अनुसार, पश्चिम बंगाल पुलिस शेख शाहजहां को केंद्रीय जांच एजेंसियो के चंगुल से बचाने की कवायद में जुटी है। बता दें कि ED टीम पर हुए हमले में शेख के खिलाफ तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं। पहली FIR में बंगाल पुलिस ने शेख शाहजहां के खिलाफ ED की शिकायत पर दर्ज की थी, जिसमें जमानती धाराएं थीं। दूसरी एफआईआर बंगाल पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेकर दर्ज की थी। तीसरी शेख शाहजहां के परिवार के बयानों पर जिसमें अधिकारियों पर गैर जमानती धाराएं लगाई गईं।
पुलिस ने उसकी जमानत का विरोध किया
वहीं उसकी गिरफ्तारी के बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया तो पुलिस ने उसकी जमानत का विरोध किया। पुलिस ने कोर्ट से 14 दिन की रिमांड मांगी लेकिन केवल 10 दिन की ही रिमांड मिल सकी। रिमांड कॉपी में लिखा गया है कि शेख शाहजहां के फरार होने का खतरा है ऐसे में उसे जमानत नहीं दी जा सकती। इसमें लिखा है कि शेख शाहजहां ED अधिकारियों पर हमले के केस में मुख्यारोपी है।
'शेख की जमानत से बिगाड़ सकती है लॉ एंड आर्डर की स्तिथि'
इसके साथ ही कहा गया है कि शाहजहां ने ही अधिकारियों पर हमले के लिए भीड़ को इक्कठा किया। पुलिस ने कोर्ट ने दलील देते हुए कहा कि रिमांड के दौरान शेख शाहजहां की निशानदेही पर हमले में शामिल आरोपियों की पहचान करनी है। इसके साथ ही ED अधिकारियों से लूटे गए सामान की बरामदगी शेख शाहजहां की निशानदेही पर करनी है। कोर्ट में पुलिस ने कहा कि शाहजहां की जमानत से सन्देशखाली और नज़त पुलिस स्टेशन एरिया में लॉ एंड आर्डर की स्तिथि बिगड़ सकती है।