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Hindi News पश्चिम बंगाल कोलकाता में आसमान छू रहे हैं सब्जियों के दाम, मटर और लहसुन की कीमत तो हैरान कर देगी

कोलकाता में आसमान छू रहे हैं सब्जियों के दाम, मटर और लहसुन की कीमत तो हैरान कर देगी

कोलकाता में सब्जियों की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी का जीना मुहाल किया हुआ है और हालात का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि मटर और अदरक जैसी चीजों की कीमतें आसमान छू रही हैं।

Kolkata Vegetable Prices, Kolkata Garlic Prices, Kolkata Ginger Prices- India TV Hindi Image Source : PTI FILE कोलकाता में सब्जियों के दाम इन दिनों आसमान छू रहे हैं।

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में सब्जियों के दाम इन दिनों आसमान छू रहे हैं। शहर के खुदरा बाजार में सब्जियों की बढ़ती कीमतें आम आदमी की जेब पर असर डाल रही हैं। रिटेल मार्केट में जरूरी चीजों की कीमतों को नियंत्रण में रखने वाली राज्य सरकार की टास्क फोर्स के सदस्यों के अनुमान के मुताबिक, सभी सब्जियों की कीमतें औसतन 15 से 20 रुपये प्रति किलोग्राम तक ज्यादा हैं। टास्क फोर्स का कहना है कि भले ही टमाटर, मटर और प्याज की कीमतें दुर्गा पूजा और काली पूजा के त्योहारी सीजन की तुलना में थोड़ी कम हुई हैं, लेकिन मौजूदा कीमतें अभी भी सामान्य दरों से अधिक हैं।

मटर की कीमत 100 रुपये प्रति किलो

रिपोर्ट्स के मुताबिक, यही बात लहसुन और अदरक के मामले में भी है, जो बंगाली व्यंजनों के लिए आवश्यक वस्तुएं हैं। कोलकाता के खुदरा बाजार में टमाटर लगभग 60 रुपये प्रति किलोग्राम पर बिक रहा है, वहीं मटर की प्रति किलोग्राम कीमत 100 रुपये के आसपास है। बता दें कि दिल्ली में मटर की खुदरा कीमत 30 रुपये से लेकर 50 रुपये के बीच है। वहीं, कोलकाता में टमाटर भी दिल्ली से महंगा ही मिल रहा है। खुदरा बाजारों में प्याज की औसत कीमत 60 रुपये प्रति किलोग्राम है और लगभग यही भाग दिल्ली में भी है। ऐसे में देखा जाए तो कुछ सब्जियां खुदरा बाजार में काफी महंगी बिक रही हैं।

300 रुपये प्रति किलो बिक रहा है लहसुन

इन सबके अलावा अदरक और लहसुन की कीमतें वाकई चिंता का विषय हैं। लहसुन की कीमत 300 रुपये प्रति किलोग्राम है, वहीं अदरक की कीमत 200 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक है। टास्क फोर्स के सदस्यों का मानना है कि आम तौर पर कोलकाता के खुदरा बाजारों में आवश्यक वस्तुओं की कीमतें अभी भी ऊंची चल रही हैं, जिनका राज्य में पर्याप्त मात्रा में उत्पादन नहीं होता है। टास्क फोर्स के एक सदस्य ने कहा, ‘चूंकि इन उत्पादों के लिए दूसरे राज्यों से सप्लाई पर निर्भर रहना पड़ता है, इसलिए जब भी सप्लाई में कोई कमी होती है, इनकी कीमतें बढ़ जाती हैं।’ (IANS)