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Hindi News पश्चिम बंगाल शुभेंदु अधिकारी ने कहा, पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा ने सिख विरोधी दंगों को भी पीछे छोड़ा

शुभेंदु अधिकारी ने कहा, पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा ने सिख विरोधी दंगों को भी पीछे छोड़ा

पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता और भारतीय जनता पार्टी के विधायक शुभेंदु अधिकारी ने कहा है कि सूबे में चुनाव बाद हुई हिंसा ने नोआखाली के दंगों और 1984 के सिख विरोधी दंगों को भी पीछे छोड़ दिया है।

Suvendu Adhikari, Suvendu Adhikari BJP, Suvendu Adhikari Noakhali, Suvendu Adhikari Sikh Riots- India TV Hindi Image Source : FACEBOOK पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता और भारतीय जनता पार्टी के विधायक शुभेंदु अधिकारी ने ममता सरकार पर बड़ा हमला बोला है।

कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता और भारतीय जनता पार्टी के विधायक शुभेंदु अधिकारी ने कहा है कि सूबे में चुनाव बाद हुई हिंसा ने नोआखाली के दंगों और 1984 के सिख विरोधी दंगों को भी पीछे छोड़ दिया है। ममता सरकार पर हमला बोलते हुए अधिकारी ने कहा कि चुनाव बाद हुई हिंसा के दौरान सरकारी तंत्र की निष्क्रियता की जितनी आलोचना की जाए, वह कम है। इससे पहले अधिकारी ने सोमवार को पूर्वी मेदिनीपुर के पुलिस प्रमुख अमरनाथ के. को ऐसा कुछ करने से परहेज करने की चेतावनी दी थी जिससे उनका ट्रांसफर कश्मीर के अनंतनाग या बारामूला हो जाए।

अधिकारी के खिलाफ दर्ज हुआ केस
शुभेंदु अधिकारी ने बुधवार को कहा, ‘पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा ने कलकत्ता में हुई हत्याओं, 1946 के नोआखाली (अब बांग्लादेश में) दंगों और 1984 के सिख विरोधी दंगों को पीछे छोड़ दिया है। चुनाव के बाद हुई हिंसा के दौरान सरकारी तंत्र की निष्क्रियता की जितनी आलोचना की जाए, उतनी कम है।’ वहीं, सोमवार को पूर्वी मेदिनीपुर के पुलिस प्रमुख के बारे में दिए गए अधिकारी के बयान के बाद राज्य पुलिस ने इसका स्वत: संज्ञान लेते हुए मंगलवार को अधिकारी और 14 अन्य के खिलाफ तमलुक थाने में मामला दर्ज किया। अधिकारी और उनके सहयोगियों पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसमें एक धारा लोक सेवक को उसके कर्तव्य के पालन से रोकने के प्रयास की भी है।

‘फर्जी मामले दर्ज न करें’
बता दें कि अधिकारी ने सोमवार को पार्टी की बैठक में पुलिस अधीक्षक को संदेश देते हुए कहा था, ‘फर्जी मामले दर्ज न करें। मेरे पास यह साबित करने के लिए सबूत हैं कि वे फर्जी हैं। मैं इस तरह के आरोपों के संबंध में सीबीआई जांच का अनुरोध करते हुए जनहित याचिका दाखिल करूंगा। ऐसा कुछ भी न करें जिससे आपका स्थानांतरण कश्मीर के अनंतनाग या बारामूला में हो जाए।’ कथित तिरपाल चोरी से संबंधित मामला समेत कई पुलिस जांचों का सामना कर रहे शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि अच्छा होगा कि पुलिस अधिकारी ईमानदारी से अपना कार्य करें।