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बंगाल में रानजीतिक हिंसा और पुलिस की कार्यशैली पर गवर्नर धनखड़ ने दिया बड़ा बयान

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को राजनीतिक हिंसा और पुलिस की कार्यशैली को लेकर बेहद ही महत्वपूर्ण बयान दिया है।

Jagdeep Dhankhar Bengal Police, Mamata Banerjee and Jagdeep Dhankhar, Mamata Banerjee- India TV Hindi Image Source : PTI FILE पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को राजनीतिक हिंसा और पुलिस की कार्यशैली को लेकर बेहद ही महत्वपूर्ण बयान दिया है।

सिलीगुड़ी: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को राजनीतिक हिंसा और पुलिस की कार्यशैली को लेकर बेहद ही महत्वपूर्ण बयान दिया है। धनखड़ ने कहा कि राजनीतिक हिंसा राज्य को दागदार बना रही है। साथ ही उन्होंने पुलिस एवं नौकरशाहों से ‘राजनीतिक सेवक नहीं बल्कि जनसेवक’ की भांति काम करने के लिए कहा। राज्यपाल ने कहा कि हाल ही में उन्होंने जो ट्वीट किया था कि अगस्त में पश्चिम बंगाल में हर घंटे बलात्कार या अपहरण की एक से अधिक घटना हुई, वह सरकारी आंकड़े पर आधारित था जबकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अधीन आने वाले गृह विभाग ने इसे ‘बेबुनियाद’ करार दिया।

‘राजनीतिक हिंसा राज्य को दागदार बना रही है’
राज्यपाल ने सिलीगुड़ी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘पश्चिम बंगाल दुनिया का एक बड़ा सांस्कृतिक केंद्र है। राजनीतिक हिंसा राज्य को दागदार बना रही है।’ उनका बयान ऐसे वक्त आया है जब उत्तरी 24 परगना जिले के तीतागढ़ में भारतीय जनता पार्टी के नेता मनीष शुक्ला की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बीजेपी ने इस हत्या के पीछे तृणमूल कांग्रेस का हाथ बताया है। वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने इस आरोप से इनकार किया है। धनखड़ ने कहा, ‘हमारे पास बेमिसाल धरोहर है। राजनीतिक हिंसा, राजनीतिक प्रतिशोध, चुन-चुन कर निशाना बनाने और हत्या करने तथा विपक्ष के लिए स्थान नहीं होने जैसी बातों से हमारे चेहरे पर कालिख क्यों पुते। यह लोकतंत्र नहीं है।’

‘मैंने मुख्य सचिव और गृह सचिव दोनों को सावधान किया’
उन्होंने कहा कि बलात्कार या अपहरण जैसे विषयों पर लोगों के बीच सूचना लाकर उन्होंने महिलाओं के प्रति अपराध को लेकर लोगों को संवेदनशील किया है। उन्होंने कहा कि अगस्त में अपराध पर आंकड़े उनके पास संभागीय आयुक्तों ने भेजे थे जिन्होंने ऐसी ही सूचना राज्य के मुख्य सचिव के पास भी भेजी। राज्यपाल ने कहा, ‘मैंने मुख्य सचिव और गृह सचिव दोनों को ही सावधान किया है। मुझे उनका जवाब मिलना बाकी है।’ राजभवन और तृणमूल कांग्रेस के बीच बलात्कार और अपहरण के आंकड़े को लेकर वाकयुद्ध छिड़ गया था। गृह विभाग ने धनखड़ के आंकड़ों पर सवाल उठाया था। विभाग ने ट्वीट किया था, ‘आरोप बेबुनियाद, आधारहीन और गुमराह करने वाले हैं।’ उसके बाद राज्यपाल ने मुख्य सचिव और अवर मुख्य सचिव (गृह विभाग, प्रभारी) से उसे वापस लेने को कहा था।

‘प्रशासन और पुलिस राजनीतिक सेवक नहीं बल्कि जनसेवक हैं’
धनखड़ ने कहा, ‘प्रशासन और पुलिस के सारे नौकरशाहों को नहीं भूलना चाहिए कि उन्हें राजनीतिक रूप से तटस्थ रहना है। वे राजनीतिक सेवक नहीं बल्कि जनसेवक हैं।’ गलवान के शहीद बिपुल राय को श्रद्धांजलि देने राज्यपाल अलीपुरद्वार गए थे और रास्त में जगह जगह पोस्टर लगे थे जिनमें उनपर राजनीतिक दल की ओर से काम करने का आरोप लगाया गया था। वैसे धनखड़ ने एक वीडियो क्लिप ट्वीट किया जिसमें लोग एक गांव में सड़क किनारे खड़े हैं और वे हाथ हिला रहे हैं। उनमें से कई के पास राज्यपाल के स्वागत में कई प्रिंटेड मैसेज भी दिखाई दिए हैं। (भाषा)