Partha Chatterjee : पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले (SSC Scam ) में गिरफ्तार पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) और अर्पिता मुखर्जी (Arpita Mukherjee ) को आज प्रवर्तन निदेशालय (ED) कोर्ट में पेश करेगी। जानकारी के मुताबिक ईडी कोर्ट से इनकी रिमांड बढ़ाने की गुजारिश सकती है। बताया जाता है कि पार्थ चटर्जी पूछताछ में ईडी के साथ सहयोग नहीं कर रहे हैं। उन्होंने ज्यादातर सवालों का जवाब नहीं दिया है। ईडी के एक अधिकारी के मुताबिक पूछताछ के दौरान ज्यादातर वक्त तक पार्थ चटर्जी चुप रहे। ईडी के अधिकारियों का कहना है कि गिरफ्तारी के बाद से ही सहयोग नहीं कर रहे हैं। वह अक्सर थकावट की शिकायत करते हैं और सवालों के जवाब देने से बच रहे हैं। पार्थ चटर्जी ने दावा किया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी के दौरान बरामद रुपये उनके नहीं हैं, और समय बताएगा कि उनके खिलाफ ‘साजिश’ में कौन लोग शामिल हैं।
50 करोड़ की बरामदगी
ईडी के अधिकारियों के अनुसार, करीब 50 करोड़ रुपये नकद चटर्जी की करीबी माने जाने वाली अर्पिता मुखर्जी के दो अपार्टमेंट से बरामद किये गये हैं। साथ ही, सोना भी बरामद किया गया, जिसके मूल्य का आकलन किया जा रहा है। चटर्जी ने शुक्रवार को कहा था कि वह एक साजिश का शिकार हुए हैं और तृणमूल कांग्रेस द्वारा उन्हें निलंबित किये जाने के फैसले पर नाखुशी व्यक्त की थी। उन्होंने कहा था, ‘‘यह फैसला (मुझे निलंबित करने का) निष्पक्ष जांच को प्रभावित कर सकता है.
महिला ने फेंकी चप्पल
कल पार्थ चटर्जी पर कोलकाता के अम्ताला इलाके में एक महिला ने चप्पल फेंकी। यह घटना उस समय हुई, जब ईडी के अधिकारी उन्हें अपनी सुरक्षा में अस्पताल से बाहर लेकर आ रहे थे। हालांकि, चप्पल चटर्जी को नहीं लगी। ईडी के अधिकारी चटर्जी को मेडिकल जांच के लिए जोका स्थित ईएसआई अस्पताल ले गए थे। चप्पल फेंकने वाली महिला शुभ्रा घोरुई ने बताया कि वह ईडी के छापे में चटर्जी की करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के दो फ्लैट से करीब 50 करोड़ रुपये की नकदी और गहने मिलने से नाराज थी। महिला ने कहा, ‘मैं (पार्थ) चटर्जी को अपने जूतों से मारने आई थी।लोगों को धोखा देने के बाद वह एसी कार में घूम रहे हैं। उन्हें रस्सी से बांधकर घसीटना चाहिए। मैं नंगे पांव घर जाऊंगी।’ उसने वहां मौजूद रिपोर्ट्रस से कहा, ‘यह केवल मेरा गुस्सा नहीं, बल्कि पश्चिम बंगाल के लाखों लोगों का गुस्सा है।’ इस घटना के बाद चटर्जी को ईडी के सुरक्षाकर्मी वाहन में बैठाकर अस्पताल परिसर से ले गए।
पार्टी ने सस्पेंड किया
चटर्जी को विभिन्न विभागों के प्रभारी मंत्री के रूप में उनके दायित्वों से मुक्त कर दिया गया और बृहस्पतिवार को पार्टी से निलंबित कर दिया गया। उन्हें पार्टी के सभी पदों से भी हटा दिया गया है।तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेतृत्व ने पूर्व मंत्री की टिप्पणियों पर आपत्ति जताते हुए कहा कि चटर्जी खुद ही अपनी नियति के लिए जिम्मेदार हैं। टीएमसी के प्रदेश महासचिव कुणाल घोष ने बृहस्पतिवार को कहा था, ‘गिरफ्तारी के बाद पिछले कुछ दिनों से वह चुप क्यों थे? उन्हें अदालत का दरवाजा खटखटाने और अपनी बेगुनाही साबित करने का पूरा अधिकार है। पार्टी का इस घोटाले से कोई लेना-देना नहीं है।’
इनपुट-भाषा