नयी दिल्ली: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने पश्चिम बंगाल के कई जिलों में चुनाव के बाद हिंसा के मामले सामने आने के बाद जांच का आदेश दिया है। पश्चिम बंगाल में सोमवार को हिंसा में भाजपा के कुछ कार्यकर्ता मारे गए और कई घायल हो गए तथा दुकानों में लूटपाट की गयी। केंद्र ने राज्य में विपक्षी कार्यकर्ताओं पर हमले की घटनाओं को लेकर सरकार से तथ्यात्मक रिपोर्ट सौंपने को कहा है। अधिकारियों ने बताया कि बर्द्धमान जिले में रविवार और सोमवार को तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के समर्थकों में कथित झड़प में चार लोगों की मौत हो गयी।
वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया कि मारे गए लोगों में तीन पार्टी के समर्थक थे। एनएचआरसी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद सोमवार को हुई हिंसा में कुछ लोगों की मौत के बारे में अखबारों में प्रकाशित खबरों का उसने संज्ञान लिया है। आयोग ने कहा कि राजनीतिक कार्यकर्ताओं के बीच कथित तौर पर झड़पें हुई, पार्टी के कार्यालयों में आगजनी की गयी और कई मकानों में तोड़फोड़ के साथ ही लूटपाट की गई।
आयोग ने कहा कि ऐसा लगता है कि जिला प्रशासन और कानून लागू करने वाली स्थानीय एजेंसियों ने प्रभावित लोगों के मानवाधिकारों के उल्लंघन को रोकने के लिए कार्रवाई नहीं की। एनएचआरसी ने एक बयान में कहा, ‘‘बेकसूर नागरिकों के जीवन के अधिकार के कथित उल्लंघन की घटनाओं का आयोग ने स्वत: संज्ञान लिया है। डीआईजी (जांच) से आयोग के जांच अनुभाग के अधिकारियों की एक टीम बनाकर घटनास्थल पर तथ्यान्वेषी जांच कराकर जल्द से जल्द या दो सप्ताह के भीतर एक रिपोर्ट सौंपने का अनुरोध किया है।’’
इस बीच जान बचाने के लिए करीब 300-400 भाजपा समर्थक बंगाल छोड़कर असम चले गए हैं। यह भाजपा कार्यकर्ता संरक्षण के लिए असम के धुबरी को पार कर गए हैं। गौरतलब है कि बंगाल में खून खराबा जारी है। भाजपा ने दावा किया है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद राज्य में उसके नौ से अधिक कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंसा पर चिंता जताते हुए राज्यपाल जगदीप धनखड़ से बात की है, वहीं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दो दिवसीय बंगाल दौरे पर हैं।
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