कोलकाता। पश्चिम बंगाल में हिंसा की खबरों को लेकर केंद्र के सख्त रवैये के बीच पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने गृह मंत्रालय को एक पत्र लिख कर कहा है कि राज्य में लोकसभा चुनाव के बाद झड़प की छिटपुट घटनाएं हुई हैं, लेकिन स्थिति ‘‘नियंत्रण में’’ है। दरअसल, तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के कार्यकर्ताओं के बीच हिंसा में शनिवार को चार लोगों के मारे जाने के बाद केंद्र ने आज दिन में एक परामर्श जारी किया था, जिस पर राज्य सरकार ने यह जवाब दिया है। वहीं दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस ने भी गृह मंत्री अमित शाह को अलग से पत्र लिख कर कहा है कि पश्चिम बंगाल को केंद्रीय गृह मंत्रालय का परामर्श राजनीति से प्रेरित है। भाजपा सत्ता ‘‘हथियाने’’ के लिए गहरी साजिश कर रही है।
राज्य के मुख्य सचिव मलय कुमार डे ने गृह मंत्रालय को लिखे पत्र में कहा है, ‘‘हिंसा के सभी मामलों में बिना किसी देरी के कड़ी और उचित कार्रवाई की गई।’’ उन्होंने लिखा, ‘‘कुछ असमाजिक तत्वों ने चुनाव बाद झड़प की छिट पुट घटनाओं को अंजाम दिया। कानून प्रवर्तन अधिकारी ऐसे सभी मामलों में बिना किसी देरी के कड़ी एवं उचित कार्रवाई करते हैं।’’
पत्र में कहा गया है कि उत्तर 24 परगना जिले के नाजट पुलिस थाना क्षेत्र के तहत हुई इस ताजा घटना में भी मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच शुरू कर दी गई है। वह भी इस परिस्थिति में जब क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए पुलिस बल सड़कों पर और आस-पास के क्षेत्रों में व्यस्त हैं। पत्र में कहा गया कि स्थिति नियंत्रण में है और किसी भी परिस्थिति में इसे राज्य में कानून का शासन बनाए रखने में कानून लागू करने वाले तंत्र की नाकामी नहीं समझा जाना चाहिए।’’
इससे पहले, दिन में केन्द्र ने राज्य सरकार को परामर्श जारी किया था।
पश्चिम बंगाल सरकार को दिये परामर्श में गृह मंत्रालय ने उससे कानून व्यवस्था और शांति बनाये रखने को कहा। परामर्श में कहा गया है, ‘‘पिछले कुछ हफ्तों से राज्य में बगैर उकसावे के हो रही हिंसा राज्य में कानून व्यवस्था बनाये रखने और जनता में विश्वास कायम करने में राज्य के कानून प्रवर्तन तंत्र की नाकामी प्रतीत होती है।’’
तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने केन्द्र द्वारा राज्य सरकार को परामर्श भेजे जाने को राज्य सरकार के खिलाफ षडयंत्र बताया।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि पश्चिम बंगाल देश का सर्वाधिक शांतिप्रिय राज्य है और यहां राजनीतिक खून खराबे की कोई घटना नहीं हुई है। उत्तर प्रदेश को इस तरह का परामर्श क्यों नहीं भेजा जा रहा है जबकि वहां से हिंसा की घटनाएं होने की सूचना मिल रही हैं।