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बंगाल में बस्तियों के निवासियों को मिलेगा भूमि अधिकार, विधेयक पारित

पश्चिम बंगाल विधानसभा ने उत्तर बंगाल में बस्तियों के निवासियों को भूमि अधिकार देने के लिए एक विधेयक पारित कर दिया।

<p>ममता बनर्जी</p>- India TV Hindi Image Source : TWITTER ममता बनर्जी

कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा ने उत्तर बंगाल में बस्तियों के निवासियों को भूमि अधिकार देने के लिए एक विधेयक सोमवार को सर्वमम्मति से पारित कर दिया। इससे उन बस्तियों में रहने वाले लोगों के भविष्य को लेकर जारी अनिश्चितता समाप्त हो गई। 

बांग्लादेश और भारत ने एक अगस्त 2015 को कुल 162 बस्तियों का आदान प्रदान किया था जिससे विश्व के सबसे जटिल सीमा विवादों में से एक विवाद सुलझ गया था। ये सीमा विवाद स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद सात दशकों तक लंबित रहा। 

पश्चिम बंगाल भूमि सुधार (संशोधन) विधेयक, 2018 भूमि एवं भूमि सुधार राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्या की ओर से पेश किया गया। सदन में उसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। इस विधेयक के समर्थन में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि इस ‘‘ऐतिहासिक विधेयक’’ से बस्ती निवासियों को भारतीय नागरिक होने का पूर्ण दर्जा प्राप्त होगा। उन्हें इसके साथ ही सभी नागरिक सुविधाएं और नागरिक अधिकार भी प्राप्त होंगे। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि ये विधेयक सीमांत कूचबिहार जिला स्थित बस्तियों में रहने वाले लोगों को भूमि अधिकार दस्तावेज वितरित करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लाभार्थियों को उनका उचित लाभ देने पर काम कर रही है। कूचबिहार में 17,160 एकड़ में फैली 111 भारतीय बस्तियां बांग्लादेश का हिस्सा बनी थीं जबकि 7110 एकड़ में फैली 51 बांग्लादेशी बस्तियां भारत का हिस्सा बनी थीं। 

सीएम बनर्जी ने कहा कि भारत की तरफ स्थित बस्तियों में रहने वाले करीब 37,334 लोगों ने बांग्लादेश जाने से मना कर दिया था जबकि बांग्लादेश की ओर बस्तियों में रहने वाले 922 लोगों ने भारत में रहने का निर्णय किया थी। 

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बस्तियों के निवासियों के आवास पर 100 करोड़ रूपये से अधिक पहले ही खर्च कर चुकी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को केंद्र से 579 करोड़ रूपये मिले थे और उसे 426 करोड़ रूपये मिलने बाकी हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को अपने खजाने से और खर्च करना पड़ेगा।