भाजपा के कुछ नेताओं की कोयला माफिया के साथ मिलीभगत: ममता बनर्जी
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी ने 'केंद्र के अधिनायकवाद' के खिलाफ लड़ने के लिए सभी मुख्यमंत्रियों की एक बैठक बुलाने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा, 'भाजपा और केंद्र सरकार हमसे राजनीतिक तौर पर नहीं लड़ सकती।
कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोयला घोटाला मामले में अपने भतीजे व टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी को पूछताछ के लिये तलब किये जाने के बाद केंद्र की भाजपा नीत सरकार की आलोचना की। उन्होंने दावा किया कि भाजपा के कुछ मंत्रियों की कोयला माफिया से मिलीभगत है। उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार पर देश के ''संघीय ढांचे को तहस-नहस करने'' और राज्यों के अधिकारों को छीनने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया।
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख बनर्जी ने 'केंद्र के अधिनायकवाद' के खिलाफ लड़ने के लिए सभी मुख्यमंत्रियों की एक बैठक बुलाने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा, 'भाजपा और केंद्र सरकार हमसे राजनीतिक तौर पर नहीं लड़ सकती। पार्टी (भाजपा) विधानसभा चुनावों में हार गई थी और अब वे केंद्रीय एजेंसियों का हमारे नेताओं जैसे अभिषेक बनर्जी व अन्य के खिलाफ उपयोग कर रहे हैं, लेकिन मैं उन्हें बता दूं, वे हमें डरा धमका नहीं सकते। हम उनके खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।' वह अपनी पार्टी की छात्र शाखा टीएमसी छात्र परिषद के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं।
बता दें कि, अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि प्रवर्तन निदेशालय ने राज्य में एक कथित कोयला घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में पूछताछ के लिए कुछ लोगों विशेष रूप से टीएमसी के डायमंड हार्बर से सांसद अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी को तलब किया है। बनर्जी ने कहा, 'यदि आप (भाजपा) हमें प्रवर्तन निदेशालय का डर दिखाते हैं, तो हम एजेंसी को भाजपा नेताओं के खिलाफ सबूत भी भेजेंगे। भाजपा के मंत्रियों और नेताओं का एक धड़ा कोयला माफिया के साथ मिल कर काम कर रहा है। वे चुनाव के दौरान उनके द्वारा संचालित होटलों में भी रुके थे।'
बनर्जी ने कहा कि कोयले जैसे प्राकृतिक संसाधनों पर केंद्र सरकार का नियंत्रण होता है। उन्होंने कहा, ''कोयले में भ्रष्टाचार के लिए तृणमूल पर उंगली उठाने का कोई फायदा नहीं है। यह केंद्र के अधीन है। इसके मंत्रियों के बारे में क्या? बंगाल का कोयला पट्टी कहे जाने वाले आसनसोल क्षेत्र को लूटने वाले भाजपा नेताओं का क्या?'' इससे पहले सभा को संबोधित करते हुए, अभिषेक ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को टीएमसी से राजनीतिक तौर पर लड़ने और त्रिपुरा में सत्तारूढ़ भाजपा को 2023 के विधानसभा चुनावों में हार से बचाने की चुनौती दी।
उन्होंने कहा, 'भाजपा और केंद्र को लगता है कि वे हमारे खिलाफ ईडी और सीबीआई का उपयोग करके हम पर दबाव डाल सकते हैं, लेकिन हम मजबूत होकर उभरेंगे। हम भाजपा से नहीं डरते। हम उनसे राजनीतिक तरीके से लड़ेंगे। मैं अमित शाह को हमारे खिलाफ राजनीतिक रूप से लड़ने की चुनौती देता हूं। साथ ही मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि वह त्रिपुरा में भाजपा सरकार को 2023 के विधानसभा चुनावों में निश्चित हार से बचाकर दिखाएं।'
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में पार्टी की शानदार जीत के बाद बनर्जी का कद बढ़ा है। ऐसे में उन्होंने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की एक बैठक बुलाने का प्रस्ताव रखा, जिसमें ''केन्द्र द्वारा संघवाद का उल्लंघन'' किये जाने पर चर्चा होगी। उन्होंने कहा, ''हर दिन, वे उद्धव ठाकरे और अरविंद केजरीवाल को परेशान कर रहे हैं। यह अस्वीकार्य है। अगर सभी मुख्यमंत्री सहमत होते हैं, तो मैं केंद्र द्वारा संघीय ढांचे के उल्लंघन पर चर्चा करने के लिए एक बैठक बुलाऊंगी।''