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Hindi News पश्चिम बंगाल पीएम मोदी को ममता बनर्जी का खत, लिखा- 'ये तीन कानून मत लागू करिए'

पीएम मोदी को ममता बनर्जी का खत, लिखा- 'ये तीन कानून मत लागू करिए'

ममता ने कहा कि ये तीनों विधेयक लोकसभा में ऐसे समय में पारित हुए, जब 146 सांसद सदन से निलंबित थे। ममता ने कहा, ''आपकी पिछली सरकार ने इन तीन महत्वपूर्ण विधेयकों को एकतरफा और बिना किसी बहस के पारित कर दिया था। उस दिन, लोकसभा के लगभग 100 सदस्यों को निलंबित कर दिया गया था और दोनों सदनों के कुल 146 सांसद बाहर थे।''

Mamata Banerjee- India TV Hindi Image Source : PTI ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर तीन आपराधिक कानूनों को लागू नहीं करने का आग्रह किया है। ये कानून हैं- भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023। ये तीनों कानून एक जुलाई से लागू होने हैं। ममता का कहना है कि ये तीनों कानून हड़बड़ी में पारित किए गए थे, जब विपक्ष के अधिकतर सांसद सदन से निलंबित थे। 

ममता ने कहा कि ऐसा करने से आपराधिक कानूनों की नये सिरे से संसदीय समीक्षा संभव होगी। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में तीनों कानूनों के कार्यान्वयन को लेकर गंभीर चिंता जताई।

146 सांसदों के बिना पारित हुए थे बिल

ममता ने कहा कि ये तीनों विधेयक लोकसभा में ऐसे समय में पारित हुए, जब 146 सांसद सदन से निलंबित थे। ममता ने कहा, ''आपकी पिछली सरकार ने इन तीन महत्वपूर्ण विधेयकों को एकतरफा और बिना किसी बहस के पारित कर दिया था। उस दिन, लोकसभा के लगभग 100 सदस्यों को निलंबित कर दिया गया था और दोनों सदनों के कुल 146 सांसदों को संसद से बाहर निकाल दिया गया था।'' उन्होंने कहा, ''लोकतंत्र के उस काले दौर में विधेयकों को तानाशाही पूर्ण तरीके से पारित किया गया। 

मामले की अब समीक्षा जरूरी

ममता ने कहा, ''मैं अब आपके कार्यालय से आग्रह करती हूं कि कम से कम कार्यान्वयन की तारीख को आगे बढ़ाने पर विचार करें। इसके दो कारण हैं- नैतिक और व्यावहारिक।'' उन्होंने कहा कि इन महत्वपूर्ण कानूनी बदलावों पर नए सिरे से विचार-विमर्श होना चाहिए और जांच के लिए नव निर्वाचित संसद के समक्ष रखा जाना चाहिए। टीएमसी सुप्रीमो ने कहा, ''जल्दबाजी में पारित किए गए नए कानूनों को लेकर सार्वजनिक रूप से बड़े पैमाने पर विरोध किया गया है। इसको ध्यान में रखते हुए नए सिरे से संसदीय समीक्षा लोकतांत्रिक सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करेगी। यह तरीका नव निर्वाचित जन प्रतिनिधियों को प्रस्तावित कानून की गहन जांच करने का अवसर प्रदान करेगा।'' 

कानूनी बदलाव से पहले जमीनी कार्य जरूरी

टीएमसी सुप्रिमो ने कहा, ''किसी भी दूरगामी कानूनी बदलाव को सही तरीके से लागू करने के लिए पहले ही सावधानीपूर्वक जमीनी कार्य की आवश्यकता होती है और हमारे पास इस तरह के अभ्यास से बचने का कोई कारण नहीं है।'' बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा, ''मैं आपसे विनम्रतापूर्वक अनुरोध करती हूं कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनए) 2023, भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) 2023 और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) 2023 के कार्यान्वयन को टालने की हमारी अपील पर विचार करें।'' केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि तीन नये आपराधिक कानून एक जुलाई से लागू होंगे। (इनपुट- पीटीआई भाषा)