कोलकात। पश्चिम बंगाल के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने रविवार को दावा किया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्रीय संसाधनों का ‘दुरुपयोग’ किया और अब प्रधानमंत्री से मिलना चाहती हैं ताकि ‘ हाथ जोड़कर धन की भीख मांग सकें’। उनकी इस टिप्पणी पर राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और कहा कि घोष को पहले 'संघीय व्यवस्था की समझ होनी चाहिए' जिसके तहत राज्य का प्रमुख हमेशा प्रधानमंत्री से मिल सकता है।
संवाददाताओं से बातचीत करते हुए घोष ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने राज्य के खजाने से पैसे निकाले और अब उसे खाली कर दिया है। भाजपा नेता ने ममता बनर्जी के संभावित दिल्ली दौरे के बारे में पूछे जाने पर कहा, 'उन्होंने (बनर्जी ने) केंद्र द्वारा आवंटित धन का दुरुपयोग किया और अब प्रधानमंत्री से मिलना चाहती हैं ताकि हाथ जोड़कर धन मांग सके क्योंकि राज्य एक तरह से दिवालिया हो चुका है।'
घोष ने कहा कि ममता बनर्जी सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर किए गए भ्रष्टाचार की वजह से पश्चिम बंगाल वित्तीय संकट से गुजर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘ राज्य की खराब होती आर्थिक स्थिति और तृणमूल कांग्रेस में बढ़ती गुटबाजी से दीदी को एहसास हो गया है कि वह 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव तक राज्य को नहीं चला पाएंगी।’’
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के आकलन पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि वह 'जाहिल' जैसी टिप्पणियों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने कहा, 'क्या वह संघवाद के बारे में जानते हैं, जहां पर राज्य का प्रमुख हमेशा प्रधानमंत्री से मिल सकता है? दिलीप दा को पहले तथ्यों की जांच करनी चाहिए, बंगाल का राजस्व पहले के मुकाबले तृणमूल कांग्रेस के शासन में बढ़ा है।'
कुणाल घोष के बयान का समर्थन करते हुए राज्य में मंत्री और तृणमूल कांग्रेस विधायक चंद्रिमा भट्टाचार्य ने जानना चाहा कि 'क्या मुख्यमंत्री ने अपने दौरे के उद्देश्यों के बारे में भाजपा नेता के कान में जाकर बात की थी?' उल्लेखनीय है कि ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कहा था कि प्रधानमंत्री ने जुलाई के आखिरी हफ्ते में उनके दिल्ली दौरे के दौरान मुलाकात का समय दिया है लेकिन उन्होंने इस मुलाकात की तारीख नहीं बताई।