ममता ने पहले कहा, 'कभी नहीं किया PM का अपमान', फिर अगले ही पल कहा- 'मुझसे पहले इनसे मांगे इस्तीफा'
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुए रेप और मर्डर मामले के बाद पश्चिम बंगाल विधानसभा में एंटी रेप विधेयक पारित किया गया। ममता बनर्जी ने इस विधेयक को ऐतिहासिक बताया है। वहीं विपक्ष ने इस विधेयक का समर्थन किया है।
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार ने आज विधानसभा में एंटी रेप बिल पेश किया। इस विधेयक के मसौदे में दुष्कर्म पीड़िता की मौत होने या उसके अचेत अवस्था में चले जाने की सूरत में ऐसे दोषियों के लिए मृत्युदंड के प्रावधान का प्रस्ताव किया गया है। बता दें कि विधानसभा में विपक्षी पार्टी बीजेपी ने भी ममता सरकार के इस बिल का समर्थन किया है। इसके अलावा मसौदे में प्रस्ताव किया गया है कि रेप और गैंगरेप के दोषी व्यक्तियों को आजीवन कारावास की सजा दी जाए। पश्चिम बंगाल विधानसभा ने विपक्ष के पूर्ण समर्थन के साथ राज्य का बलात्कार रोधी विधेयक सर्वसम्मति से पारित कर दिया।
क्या बोलीं ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में कहा, "43 साल पहले इसी दिन 1981 में, संयुक्त राष्ट्र ने महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए 'महिलाओं के खिलाफ सभी प्रकार के भेदभाव के उन्मूलन पर सम्मेलन' के लिए एक समिति बनाई थी। मैं नागरिक समाजों से लेकर छात्रों तक सभी का अभिनंदन करती हूं, जो महिला सुरक्षा के लिए आवाज उठा रहे हैं।" सीएम ममता बनर्जी ने आगे कहा, "डॉक्टर की मौत 9 अगस्त को हुई। मैंने मृतक डॉक्टर के माता-पिता से उसी दिन बात की जिस दिन घटना हुई। उनके घर जाने से पहले उन्हें सारा ऑडियो, वीडियो, CCTV फुटेज सब कुछ दिया गया ताकि उन्हें सब पता चल सके। मैंने उनसे साफ कहा कि मुझे रविवार तक का समय दें, अगर हम तब तक सभी को गिरफ्तार नहीं कर पाए तो मैं खुद सोमवार को इसे CBI को सौंप दूंगी। पुलिस ने 12 घंटे में मुख्य आरोपी को पकड़ लिया, मैंने पुलिस से कहा कि फास्ट ट्रैक कोर्ट में जाएं और फांसी की सजा के लिए आवेदन करें, लेकिन मामला CBI को दे दिया गया। अब हम CBI से न्याय की मांग कर रहे हैं। हम शुरू से ही फांसी की सजा की मांग कर रहे हैं।"
पीएम का नहीं किया अपमान
ममता बनर्जी ने आगे कहा, 'मैंने प्रधानमंत्री को दो पत्र लिखे थे, लेकिन मुझे उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला, बल्कि मुझे महिला एवं बाल विकास मंत्री की तरफ से जवाब मिला, लेकिन मैंने उनके जवाब का भी जवाब देकर प्रधानमंत्री को अवगत कराया। जब चुनाव से पहले जल्दबाजी में न्याय संहिता विधेयक पारित किया गया था, तब मैंने कहा था कि इसे जल्दबाजी में पारित नहीं किया जाना चाहिए, इसमें राज्यों से सलाह नहीं ली गई। मैंने कई बार इसका विरोध किया था कि इस बारे में राज्यों से कोई सलाह नहीं ली गई, इसे राज्यसभा, विपक्ष, सभी दलों से चर्चा करके पारित करें, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इसलिए आज हम यह (विधेयक) ला रहे हैं। आप याद रखें, जिस तरह से आपने मेरा अपमान किया है, हमने कभी उस तरह प्रधानमंत्री का अपमान नहीं किया है।"
यहां देखें पूरी कार्यवाही-
नेता प्रतिपक्ष ने किया समर्थन
विधेयक पर पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कहा, "हम इस कानून का तत्काल क्रियान्वयन चाहते हैं, यह आपकी (राज्य सरकार) जिम्मेदारी है। हम परिणाम चाहते हैं, यह सरकार की जिम्मेदारी है। हम कोई विभाजन नहीं चाहते, हम आपका पूरा समर्थन करते हैं, हम मुख्यमंत्री का वक्तव्य आराम से सुनेंगे, वह जो चाहें कह सकती हैं लेकिन आपको यह गारंटी देनी होगी कि यह विधेयक तुरंत लागू होगा।"
दोषियों को उम्रकैद का प्रावधान
बता दें कि इस विधेयक का नाम ‘अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून एवं संशोधन) विधेयक 2024’ है। इस कानून का उद्देश्य रेप और यौन अपराधों से संबंधित नए प्रावधानों को शामिल करके महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा मजबूत करना है। ममता बनर्जी ने सदन में बोलते हुए इस बिल को ऐतिहासिक बताया। बता दें कि पिछले महीने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की एक महिला डॉक्टर के साथ रेप के बाद हत्या कर दी गई थी। इस शर्मनाक घटना के खिलाफ देश भर में विरोध प्रदर्शन हुए। वहीं यदि इस विधेयक को पारित किया जाता है, तो रेप और हत्या के मामलों में दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई जाएगी।
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