टैबलेट घोटाले की जांच करेगी SIT, सीएम ममता बनर्जी बोलीं- 6 आरोपी किए गए गिरफ्तार
बंगाल पुलिस ने कोलकाता में लगभग 105 मामलों की जांच करने के लिए जासूसी विभाग के एक अधिकारी के नेतृत्व में 10 सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है।
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में टैबलेट के लिए दिए जाने वाले धनराशि के दुरुपयोग से जुड़े घोटाले की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई है। इसकी जानकारी मुख्यमत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को दी। सीएम ममता ने कहा कि सरकार ने उस धोखाधड़ी की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है जिसमें टैबलेट या मोबाइल फोन खरीदने के लिए छात्रों के बैंक खातों में भेजी गई सरकारी धनराशि को अन्य बैंक खातों में भेज दिया गया था।
छह आरोपी किए गए गिरफ्तार
राज्य के उत्तरी भाग में बागडोगरा हवाई अड्डे पर ममता बनर्जी ने कहा कि इस मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। राज्य सरकार ने सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले उच्चतर माध्यमिक के प्रत्येक छात्र के बैंक खाते में 10,000 रुपये भेजे थे ताकि वह टैबलेट या मोबाइल फोन खरीद सके, लेकिन कथित गड़बड़ी के कारण उनमें से कई छात्रों को यह धनराशि नहीं मिली।
सीएम ने कहा कि एसआईटी का गठन किया गया है। हमारा प्रशासन बहुत मजबूत है। उन्होंने पहले ही छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया है और जो भी जरूरी होगा, वह किया जाएगा। इस मामले में शामिल समूह महाराष्ट्र और राजस्थान से है। ऐसे समूह लगभग सभी अन्य राज्यों में मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने उन सभी लोगों को पैसा देना शुरू कर दिया है जिन्हें पैसा नहीं मिला था।
10 सदस्यीय एसआईटी करेगी मामले की जांच
जानकारी के अनुसार, पुलिस ने कोलकाता में लगभग 105 मामलों की जांच करने के लिए 10 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया है। एसआईटी ने पिछले 24 घंटों में तीन नई एफआईआर दर्ज की गई हैं, जिससे एफआईआर की संख्या नौ हो गई है। नई शिकायतें भवानीपुर, गोल्फ ग्रीन और जोराबागान पुलिस स्टेशनों में दर्ज की गईं। मंगलवार तक जादवपुर, कसबा, सरसुना, मानिकतला, बेनियापुकुर और वाटगुंगे में छह एफआईआर दर्ज की गईं।
जादवपुर के एक स्कूल के 12, ठाकुरपुकुर के 31, कसबा के 10, जोरासांको के 40 और बेनियापुकुर के 5 छात्रों को कथित तौर पर धनराशि नहीं मिली। सरसुना थाने में दर्ज मामले में चोपड़ा में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पैसा उनके खातों में जमा कर दिया गया था और दोनों ने दावा किया कि उन्हें 10,000 रुपये के प्रत्येक लेनदेन के लिए 300 रुपये का भुगतान किया गया था। अलीपुर पुलिस कोर्ट के मुख्य लोक अभियोजक सौरिन घोषाल ने कहा कि इस घोटाले में और भी लोग शामिल हैं। अदालत ने गिरफ्तार लोगों को 25 नवंबर तक पुलिस हिरासत में दे दिया है।
इनपुट- भाषा