कोलकाता: बंगाल में सियासी नफरत की आज हैरान करने वाली तस्वीर लोगों ने देखी। चुनावी सभा के लिए जाते समय भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर कई बार हमला किया गया। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे नौटंकी करार दिया और कहा कि नाटक और हॉग मीडिया के जरिए बीजेपी लोगों को रैली तक नहीं ला सकी। क्या इसकी योजना बनाई गई? उन्होंने कैसे वीडियो तैयार किए, जबकि बीएसएफ और सीआरपीएफ के रहते कोई आपको कैसे छू सकता है?
वहीं बंगाल पुलिस ने तो किसी भी तरह के हमले से ही इनकार कर दिया है। पुलिस ने कहा कि काफिले पर हमला ही नहीं हुआ है। बता दें कि कोलकाता से दक्षिण 24 परगना जिले में जाने के दौरान डायमंड हार्बर इलाके में बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा के काफिले पर पत्थर फेंके गए। बीजेपी के सूत्रों ने बताया कि पथराव की घटना में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की कार में तोड़-फोड़ की गयी।
सूत्रों के मुताबिक मीडियाकर्मियों के वाहनों को भी नहीं छोड़ा गया। पश्चिम बंगाल बीजेपी प्रमुख दिलीप घोष ने बताया, ‘‘डायमंड हार्बर की हमारी यात्रा के समय तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने रास्ता अवरुद्ध कर दिया और नड्डा के वाहन तथा दूसरी गाड़ियों पर पत्थर फेंके। यह तृणमूल कांग्रेस का असली रंग दिखाता है।’’ बाद में पुलिस ने हस्तक्षेप किया और सुनिश्चित किया कि काफिला वहां से गुजर सके।
इस बीच केंद्र सरकार ने बीजेपी अध्यक्ष के दौरे के समय ‘गंभीर सुरक्षा खामियों’ को लेकर राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से यह रिपोर्ट पश्चिम बंगाल सरकार से मांगी गई है जब बुधवार को बीजेपी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा था। अपने पत्र में घोष ने आरोप लगाया था कि 200 से अधिक लोगों की भीड़ लाठी और डंडों के साथ कोलकाता में बीजेपी कार्यालय के सामने मौजूद थी और काले झंडे दिखा रही थी।
उन्होंने यह दावा भी किया था कि कुछ प्रदर्शनकारी पार्टी कार्यालय के सामने खड़ी कारों पर चढ़ गए और नारेबाजी की, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए हस्तक्षेप नहीं किया। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय ने बीजेपी अध्यक्ष के दौरे के समय कथित गंभीर सुरक्षा खामियों को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार से रिपोर्ट मांगी है।