कोलकाता. टीएमसी चीफ ममता बनर्जी ने लगातार तीसरी बार पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। उनके इस शपथग्रहण समारोह में बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष नहीं पहुंचे हैं। कहा जा रहा है कि इसकी वजह बंगाल में बीजेपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ हो हिंसा एक बड़ी वजह है। ममता बनर्जी का शपथ ग्रहण कार्यक्रम राजभवन में हुआ, कोरोना महामारी की वजह से इस कार्यक्रम को बेहद सादगी भरा रखा गया।
जिस समय ममता बनर्जी ने शपथ ली, ठीक उसी समय बंगाल भाजपा के विधायकों ने पार्टी के हेस्टिंज़ कार्यालय में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की उपस्थिति में बंगाल में हो रही हिंसा के विरोध में और गणतंत्र की स्थापना के लिए शपथ ली। कोलकाता के BJP कार्यालय में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा ने कहा कि जैसे-जैसे नतीजे आए हैं वैसे-वैसे यहां राजनीतिक हिंसा का तांडव देखने को मिला है। यह लड़ाई हम निर्णायक मोड़ तक लड़ेंगे।
उन्होंने आगे कहा, "जो तस्वीरें मैंने विभाजन के समय देखी थी वे ताजा होती दिख रही थीं। जिनको रक्षा करनी चाहिए वे ही इस हिंसा के तांडव के जिम्मेदार लोग हैं। ऐसे लोग शपथ लें, प्रजातंत्र में सबको शपथ लेने का अधिकार है लेकिन हम भी शपथ लेते हैं कि बंगाल की धरती से राजनीतिक हिंसा खत्म करेंगे।"
ममता बनर्जी के शपथग्रहण के बाद राज्य के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि उम्मीद है ममता बनर्जी संविधान के अनुसार काम करेंगी। उन्होंने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था का राज होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आशा है कि शासन संविधान और कानून के नियम के अनुसार चलेगा। हमारी प्राथमिकता इस संवेदनहीन हिंसा का अंत करना है। उम्मीद है कि मुख्यमंत्री कानून के शासन को बहाल करने के लिए तत्काल कदम उठाएंगी।
वहीं ममता बनर्जी ने कहा कि पद संभालने के बाद उनकी पहली प्राथमिकता कोविड-19 स्थिति से निपटना होगी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शपथ लेने के तुरंद बाद सभी राजनीतिक दलों से शांति सुनिश्चित करने की अपील की। उन्होंने कहा कि अभी तक बंगाल का प्रशासनिक तंत्र निर्वाचन आयोग के अधीन था, अब हम गड़बड़ियों से निपटेंगे। हिंसा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सभी दलों को शांति से रहना चाहिए।
ममता बनर्जी का आज का शपथग्रहण समारोह कोरोना महामारी की वजह से बेहद सादा रहा। उनके शपथग्रहण समारोह में पार्टी सांसद अभिषेक बनर्जी, चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर और पार्टी के वरिष्ठ नेता फिरहाद हाकिम सहित कई अन्य नेता भी शामिल हुए। मंगलवार को एक अधिकारी ने बताया कि कोविड-19 महामारी की वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों और अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं को समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया।