कोलकाता: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने परंपरा से हटकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बृहस्पतिवार को विधानसभा सदस्यता की शपथ दिलाई। बनर्जी ने 58,835 मतों के अंतर से भवानीपुर सीट पर जीत दर्ज की जो इस सीट के लिए एक कीर्तिमान है। उन्होंने बंगाली भाषा में शपथ ली। मार्च-अप्रैल में हुए विधानसभा चुनाव में बनर्जी को भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार शुभेंदु अधिकारी ने हराया था।
शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा का कोई सदस्य शामिल नहीं हुआ
ममता बनर्जी के शपथ लेने के बाद नवनिर्वाचित विधायकों जाकिर हुसैन और अमीरुल इस्लाम ने भी विधानसभा सदस्यता की शपथ ली। धनखड़ ने मंगलवार को कहा था कि वह बनर्जी और अन्य सदस्यों को शपथ दिलाएंगे। आमतौर पर परंपरा रही है कि राज्यपाल विधानसभा सदस्यता की शपथ दिलाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को अधिकृत करता है। शपथ ग्रहण समारोह में विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का कोई सदस्य शामिल नहीं हुआ।
जानिए क्यों नहीं गए भाजपा के नेता
नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि भाजपा के नेता शपथ ग्रहण समारोह में इसलिए नहीं गए क्योंकि उन्होंने ऐसी विधायक को महत्व देना उचित नहीं समझा जिसने उपचुनाव में जीत दर्ज की।
भाजपा के विधायकों की अनुपस्थिति पर पश्चिम बंगाल सरकार के संसदीय कार्यमंत्री पार्थ चटर्जी ने संवाददाताओं से कहा, “जो पार्टी विधानसभा चुनाव में 200 से ज्यादा सीटें लाने का सपना देख रही थी और जो ससंदीय लोकतंत्र की बात करती है, उसने संसदीय नियमों के प्रति सम्मान नहीं दिखाया।”
भाजपा विधायकों की अनुपस्थिति से राज्यपाल के प्रति उनकी भावना भी परिलक्षित होती है। शपथ ग्रहण समारोह के बाद राज्यपाल ने मुख्यमंत्री और संसदीय कार्यमंत्री पार्थ चटर्जी के साथ विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष में लगभग 20 मिनट बिताए।