बंगाल के कृष्णानगर में प्रचार में व्यस्त हैं महुआ मोइत्रा, ईडी के सामने नहीं हुईं पेश
TMC की नेता महुआ मोइत्रा आज फिर एक बार ईडी के समन पर पेश नहीं हुई हैं। महुआ फिलहाल लोकसभा चुनाव के चलते पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर लोकसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं।
तृणमूल कांग्रेस (TMC) की नेता महुआ मोइत्रा प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समन पर आज फिर पेश नहीं हुईं। ईडी के समन को नजरअंदाज करते हुए गुरुवार को महुआ पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर लोकसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार में व्यस्त दिखीं। ईडी ने मोइत्रा को दिल्ली में एजेंसी कार्यालय में पूछताछ के लिए उपस्थित होने को कहा था। बता दें कि ईडी ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के उल्लंघन मामले में पूछताछ के लिए मोइत्रा और दुबई में रह रहे व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी को नया समन जारी किया था।
पहले भी दो बार बुला चुकी है ईडी
वहीं इसको लेकर नादिया के कालियागंज में चुनाव प्रचार के बाद महुआ मोइत्रा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ईडी अपना काम करेगी और मैं अपना काम करूंगी, यानी मुझे अपना चुनाव अभियान जारी रखना है।’’ बता दें कि टीएमसी की 49 वर्षीय नेता महुआ मोइत्रा को केंद्रीय एजेंसी ने पहले भी दो बार पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन वह आधिकारिक काम का हवाला देकर पेश नहीं हुईं और नोटिस को स्थगित करने की मांग की। मोइत्रा को दिसंबर में ‘‘अनैतिक आचरण’’ के लिए लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था। उन्हें उनकी पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनावों में पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर सीट से फिर से उम्मीदवार बनाया है।
केंद्रीय अन्वेषण एजेंसी (CBI) ने कथित रूप से पैसे लेकर सवाल पूछने के संबंध में शनिवार को टीएमसी नेता के परिसर पर छापा मारा था। इससे कुछ दिन पहले लोकपाल ने सीबीआई को भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा मोइत्रा के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया था। मोइत्रा का कहना है कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है।
"ना भूलें, केजरीवाल के साथ क्या हुआ?"
वहीं, महुआ मोइत्रा द्वारा समन को नजरअंदाज करने के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का जिक्र किया, जिन्हें हाल में आबकारी नीति से जुड़े कथित धन शोधन मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था। सिन्हा ने दावा किया, ‘‘वह (मोइत्रा) केंद्रीय जांच एजेंसी की अवहेलना करने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि अरविंद केजरीवाल के साथ क्या हुआ, जिन्होंने ईडी के 9 समन को नजरअंदाज कर दिया था। समन नजरअंदाज करने का उनका निर्णय केवल यह साबित करता है कि ईडी सही दिशा में आगे बढ़ रही है।’’
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