लोकसभा चुनाव 2024: बालुरघाट में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और ममता के मंत्री ने ठोंकी ताल, मुकाबला हुआ कड़ा
Hot seats in Lok Sabha Elections 2024: पश्चिम बंगाल में सात चरणों में मतदान होंगे। बालुरघाट संसदीय क्षेत्र में 26 अप्रैल को चुनाव होगा। 2019 में भी राज्य में सात चरणों में आम चुनाव हुए थे।
बालुरघाट लोकसभा चुनाव 2024: पश्चिम बंगाल में बीजेपी, कांग्रेस और टीएमसी समेत सभी दल चुनाव प्रचार जोर-शोर से कर रहे हैं। बंगाल के बालुरघाट में मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के सुकांत मजूमदार और तृणमूल कांग्रेस नेता बिप्लब मित्रा के बीच है। इस सीट पर कांग्रेस समेत अन्य दल भी मुकाबला रोचक बनाने में लगे हैं।
बीजेपी ने प्रदेश अध्यक्ष को दिया टिकट
बीजेपी ने मौजूदा सांसद सुकांत मजूमदार को मैदान में उतारा है। मजूमदार पश्चिम बंगाल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। वह गौर बंगा विश्वविद्यालय में वनस्पति विज्ञान के प्रोफेसर भी हैं।
बिप्लब मित्रा टीएमसी की पसंद हैं
पश्चिम बंगाल के उपभोक्ता मामलों के मंत्री बिप्लब मित्रा को तृणमूल कांग्रेस ने मैदान में उतारा है। मित्रा दक्षिण दिनाजपुर के दिग्गज पार्टी नेता हैं। वह लोकसभा चुनाव के बाद जून 2019 में तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे। बाद में जुलाई 2020 में उन्होंने बीजेपी छोड़ दी और टीएमसी में वापस लौट आए और 2021 पश्चिम बंगाल विधान सभा चुनाव जीता और विधायक के रूप में चुने गए।
क्या कहता है बालुरघाट का इतिहास
बीजेपी सांसद सुकांत मजूमदार ने 2019 के लोकसभा चुनाव में 5,39,317 वोट हासिल कर यह सीट जीती थी। मजूमदार ने टीएमसी की अर्पिता घोष को 33,293 वोटों के अंतर से हराकर यह सीट अपने नाम की थी। बीजेपी ने 2014 के आम चुनाव में बिश्वप्रिय रॉयचौधरी को मैदान में उतारा था, जो टीएमसी की अर्पिता घोष से सीट हार गए थे। 2009 में यहां से क्रांतिकारी सोशलिस्ट पार्टी के प्रशांत कुमार मजुमदार ने टीएमसी के बिप्लब मित्रा को चुनाव हराया था।
इस बार क्यों हो सकता है कड़ा मुकाबला?
साल 2024 का लोकसभा चुनाव पिछले सभी इलेक्शन से काफी अलग है। इंडिया गठबंधन में शामिल टीएमसी और कांग्रेस सीट बंटवारे को लेकर सहमति नहीं बन पाने के कारण अलग-अलग चुनाव लड़ रही हैं। इसका फायदा बीजेपी को मिल सकता है। हालांकि इसके बावजूद बीजेपी और टीएमसी ने इस सीट को जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। बालुरघाट संसदीय क्षेत्र में सात विधानसभा क्षेत्रों को शामिल किया गया है। यह क्षेत्र दक्षिण दिनाजपुर जिले में आता है।
पश्चिम बंगाल में कितने लोकसभा क्षेत्र हैं
पश्चिम बंगाल 42 लोकसभा सीटों के साथ तीसरा सबसे बड़ा राज्य है। यहां सभी सीटों पर आम तौर पर एक आम मंत्र के बजाय अलग-अलग मुद्दों पर चुनाव लड़ा जाता है। पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से 30 सीटें अनारक्षित हैं तो दस सीटें एससी उम्मीदवारों के लिए और दो सीटें एसटी उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं।
कब होने वाले हैं लोकसभा चुनाव?
पश्चिम बंगाल में सात चरणों में मतदान होंगे। बालुरघाट संसदीय क्षेत्र में 26 अप्रैल को चुनाव होगा। 2019 में भी राज्य में सात चरणों में आम चुनाव हुए थे।