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Hindi News पश्चिम बंगाल 'क्या मैं कोलकाता रेप केस के आरोपी संजय रॉय को जमानत दे दूं', गुस्से में जज ने क्यों कहा ऐसा?

'क्या मैं कोलकाता रेप केस के आरोपी संजय रॉय को जमानत दे दूं', गुस्से में जज ने क्यों कहा ऐसा?

कोलकाता रेप मर्डर केस में आरोपी को लेकर अहम सुनवाई के दौरान जज इतनी नाराज हो गईं कि उन्होंने कहा-क्या मैं आरोपी संजय रॉय को जमानत दे दूं?

kolkata rape murder case accused sanjay roy- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO कोलकाता रेप मर्डर केस का आरोपी संजय रॉय

कोलकाता: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में महिला ट्रेनी डॉक्टर से साथ बलात्कार और हत्या के मामले की जांच सीबीआई कर रही है। वहीं शनिवार को इस मामले में सीबीआई के जांच अधिकारी की अनुपस्थिति और एजेंसी के वकील के आने में 40 मिनट की देरी से नाराज अदालत में जज आश्चर्यचकित हो गईं। नाराज जज ने यहां तक कह दिया कि क्या मैं मुख्य आरोपी संजय रॉय को  को जमानत दे दूं। इसके साथ ही उन्होंने जांच एजेंसी की भी खिंचाई की और कहा कि यह उसके "सुस्त रवैये" को दर्शाता है।

अदालत में हुए इस घटनाक्रम के बाद तृणमूल कांग्रेस ने भी सीबीआई और भाजपा पर जमकर हमला बोला, जो इस भयावह अपराध से निपटने के तरीके को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रही है, पार्टी ने आरोप लगाया कि "न्याय को बाधित" करने का प्रयास किया जा रहा है। कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर जांच कोलकाता पुलिस से सीबीआई को सौंप दी गई थी।  

जज की कड़ी टिप्पणी-क्या संजय रॉय को जमानत दे दें

सीबीआई ने इस मामले में नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को गिरफ्तार किया था जिसकी जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार की दोपहर को सियालदह अदालत के एक मजिस्ट्रेट ने कहा कि ये हैरान करने वाली बात है कि कोर्ट में सुनवाई के लिए सीबीआई का जांच अधिकारी मौजूद नहीं था। जैसे ही रॉय के वकील ने जमानत के लिए दलीलें दीं, अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पामेला गुप्ता को सूचित किया गया कि सरकारी वकील देर से पहुंचेंगे। जब वकील का इंतजार जारी रहा, तो मजिस्ट्रेट ने टिप्पणी की, "क्या मुझे संजय रॉय को जमानत दे देनी चाहिए? यह सीबीआई के गंभीर रूप से सुस्त रवैये को दर्शाता है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।"

टीएमसी की नेता ने कहा-यह घोर अपेक्षा को दर्शाता है

फिर सरकारी वकील अंततः लगभग 40 मिनट देरी से पहुंचे, जिसपर बचाव पक्ष के वकील ने भी देरी से आने का मुद्दा उठाया। इसके बाद बहस जारी रही और दोनों पक्षों को सुनने के बाद मजिस्ट्रेट ने रॉय को 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया। अदालत में जो कुछ हुआ उस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि यह "न्याय के प्रति घोर अपेक्षा को दर्शाता है।" 

तृणमूल कांग्रेस नेता चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा, "अदालत को गुस्सा आया, इंतजार किया, फिर भी कोई नहीं आया। हम पूछना चाहते हैं कि क्या हुआ। विपक्ष इस पर प्रतिक्रिया क्यों नहीं दे रहा है? 24 दिन और 570 घंटे से ज्यादा हो गए हैं जब से सीबीआई ने जांच संभाली है, क्या हुआ है क्या नतीजा निकला? पूरा देश पूछ रहा है कि सीबीआई मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है...'' 

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