पश्चिम बंगाल में अनुसूचित जनजाति के दर्जे की मांग को लेकर कुर्मी समुदाय का धरना-प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी रहा। जिसके चलते आज फिर 64 ट्रेनें रद्द करनी पड़ी। इससे पहले गुरुवार को भी 85 ट्रेनें रद्द करनी पड़ी थी। दक्षिण पूर्व रेलवे (एसईआर)के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। कुर्मी समुदाय द्वारा रेल नाकाबंदी के कारण स्थानीय और लंबी दूरी के यात्रियों को काफी नुकसान हुआ है। ये समूह कई मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहा है। इन मांगों में समुदाय को अनुसूचित जनजाति के रूप में मान्यता, सरना धर्म को मान्यता और कुर्माली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में सम्मिलित करना शामिल है।
राज्य के कई जिलों में प्रदर्शन
दक्षिण पूर्व रेलवे के अधिकारी ने कहा कि चूंकि पांच अप्रैल को आद्रा भाग के आद्रा-चंडिल खंड में कुस्तौर स्टेशन और दक्षिण पूर्व रेलवे के खड़गपुर हिस्से के खड़गपुर-टाटानगर खंड में खेमासुली स्टेशन पर रेलवे से संबंधित मुद्दों पर लोगों के एक समूह ने नाकाबंदी शुरू की थी, लिहाजा 225 से अधिक ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। खेमासुली, पश्चिम बंगाल के पश्चिम मेदिनीपुर जिले में है, जबकि कुस्तौर पुरुलिया जिले में स्थित है। कुर्मी समुदाय, दक्षिण दिनाजपुर, पुरुलिया, झारग्राम और पश्चिम मेदिनीपुर समेत राज्य के विभिन्न जिलों में विरोध कर रहे हैं।
ये ट्रेनें हुईं रद्द
कुर्मी को वर्तमान में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के रूप में वर्गीकृत किया गया है। एसईआर अधिकारी ने कहा कि शुक्रवार को रद्द की गई ट्रेनों में 12262 हावड़ा-मुंबई सीएसएमटी दुरंतो एक्सप्रेस, 12860 हावड़ा-मुंबई सीएसएमटी गीतांजलि एक्सप्रेस, 12021/12022 हावड़ा-बारबिल-हावड़ा जन शताब्दी एक्सप्रेस, 12152 शालीमार-एलटीटी एक्सप्रेस और 12833/12834 अहमदाबाद-हावड़ा-अहमदाबाद एक्सप्रेस शामिल हैं।
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