पश्चिम बंगाल के कोलकाता में जूनियर डॉक्टरों का आमरण अनशन जारी है। ये डॉक्टर आरजी कर अस्पताल में अपनी सहकर्मी से दुष्कर्म और फिर उसकी हत्या किए जाने की घटना के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं। जूनियर डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा उत्सव के बीच गुरुवार को छठे दिन भी अपना आमरण अनशन जारी रखा। विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के नौ जूनियर डॉक्टर 108 घंटे से अनशन कर रहे हैं।
जूनियर डॉक्टरों ने स्वास्थ्य सेवाओं को ठप कर देने वाली अपनी ‘काम रोको’ हड़ताल खत्म करने के बाद शनिवार शाम को कोलकाता के मध्य में धर्मतल्ला के डोरीना चौराहे पर आमरण अनशन शुरू किया। इस बीच, राज्य सरकार ने बुधवार शाम को प्रदर्शनकारियों के साथ बैठक बुलाई, लेकिन गतिरोध दूर करने में असफल रही। मुख्य सचिव मनोज पंत की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने आरोप लगाया कि उन्हें राज्य सरकार की ओर से “मौखिक आश्वासन” के अलावा कुछ भी ठोस नहीं मिला।
ममता सरकार पर गंभीर आरोप
‘वेस्ट बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट’ के देबाशीष हलदर ने कहा, “हमारे मित्र चार दिनों से बिना भोजन के, विरोध कर रहे हैं और सरकार कह रही है कि वह पूजा के बाद अक्टूबर के तीसरे सप्ताह में ही हमारी मांगों पर विचार करेगी। हमें ऐसी असंवेदनशीलता की कभी उम्मीद नहीं थी।” प्रदर्शन स्थल पर डॉक्टरों ने बुधवार को शहर में कुछ दुर्गा पूजा पंडालों के बाहर प्रदर्शन कर रहे और पर्चे बांट रहे अपने सहकर्मियों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की आलोचना भी की।
डॉक्टरों की मांग
प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने इस बात पर जोर दिया कि मृत महिला चिकित्सक को न्याय दिलाना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने स्वास्थ्य सचिव एन.एस.निगम को तत्काल हटाने की भी मांग की तथा विभाग में प्रशासनिक अक्षमता और भ्रष्टाचार के खिलाफ निष्क्रियता का आरोप लगाया। डॉक्टरों की मांगों में राज्य में सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज में केंद्रीकृत रेफरल प्रणाली लाना, अस्पतालों में एक डिजिटल बिस्तर रिक्ति निगरानी प्रणाली स्थापित करना और कार्यस्थलों पर सीसीटीवी, ऑन-कॉल कक्ष तथा शौचालयों के लिए आवश्यक प्रावधान सुनिश्चित करने के वास्ते कार्य बल का गठन भी शामिल है। वे अस्पतालों में पुलिस सुरक्षा बढ़ाने, स्थायी महिला पुलिस कर्मियों की भर्ती और चिकित्सक, नर्स तथा अन्य स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों के लिए रिक्त पदों को तुरंत भरने की भी मांग कर रहे हैं।