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Hindi News पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टरों का आमरण अनशन 10वें दिन भी जारी, एक और डॉक्टर की हालत बिगड़ी, अब तक 4 लोग भर्ती

जूनियर डॉक्टरों का आमरण अनशन 10वें दिन भी जारी, एक और डॉक्टर की हालत बिगड़ी, अब तक 4 लोग भर्ती

जूनियर डॉक्टर लंबे समय से दुष्कर्म और हत्या के मामले में न्याय की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक सरकार ने उनके साथ संवाद नहीं किया है। डॉक्टर पहले ही अपनी मांग सामने रख चुके हैं।

Protest- India TV Hindi Image Source : PTI आमरण अनशन पर बैठे डॉक्टरों के पक्ष में प्रदर्शन

पश्चिम बंगाल के कोलकाता में जूनियर डॉक्टरों का आमरण अनशन 10वें दिन भी जारी है। सोमवार को एक और डॉक्टर की तबीयत बिगड़ने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अब तक चार डॉक्टर आमरण अनशन के दौरान तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती हो चुके हैं, लेकिन सरकार ने उनके साथ कोई बातचीत नहीं की है। 

कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में नाइट ड्यूटी के दौरान एक महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। इस घटना के बाद पश्चिम बंगाल के जूनियर डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पुलस्थ आचार्य को पेट में तेज दर्द के बाद रविवार रात को अस्पताल में भर्ती कराया गया। इससे पहले, कोलकाता और सिलीगुड़ी शहर में अनशन कर रहे तीन जूनियर डॉक्टरों को उनकी हालत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका है। 

स्वास्थ्य भवन में बैठक का निमंत्रण

एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के एक सीनियर डॉक्टर ने कहा, ‘‘पुलस्थ क्रिटिकल केयर यूनिट (सीसीयू) में भर्ती हैं और उनकी हालत बिगड़ गयी है। हमने उनका इलाज करने के लिए एक चिकित्सा बोर्ड का गठन किया है।’’ इस बीच, मुख्य सचिव मनोज पंत ने रविवार को ‘ज्वाइंट प्लेटफॉर्म ऑफ डॉक्टर्स’ (जेपीडी) को लिखे पत्र में उनसे 15 अक्टूबर को प्रस्तावित प्रदर्शन वापस लेने का अनुरोध किया और कहा कि इसी दिन राज्य सरकार का ‘पूजो कार्निवल’ आयोजित होना है। उन्होंने जेपीडी को उनकी मांगों पर चर्चा करने के लिए सोमवार दोपहर को स्वास्थ्य भवन में बैठक के लिए आमंत्रित भी किया। अपने ईमेल में पंत ने जेपीडी से जूनियर डॉक्टरों को उनके स्वास्थ्य और भलाई के हित में आमरण अनशन खत्म करने की सलाह देने का भी आग्रह किया। 

क्या है डॉक्टरों की मांग

जूनियर डॉक्टर आरजी कर अस्पताल में बलात्कार एवं हत्या मामले में मृतक महिला डॉक्टर के लिए न्याय, स्वास्थ्य सचिव एन.एस.निगम को तत्काल हटाने, कार्यस्थल पर सुरक्षा और अन्य उपायों की मांग कर रहे हैं। उनकी अन्य मांगों में राज्य के सभी अस्पतालों एवं चिकित्सा महाविद्यालयों के लिए एक केंद्रीकृत रेफरल प्रणाली की स्थापना करने, बिस्तर रिक्ति निगरानी प्रणाली का कार्यान्वयन और कार्यस्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने, ऑन-कॉल रूम और शौचालय के लिए आवश्यक प्रावधान सुनिश्चित करने के वास्ते टास्क फोर्स के गठन की मांग शामिल भी है। पांच अक्टूबर से आमरण अनशन दो चरणों में करीब 50 दिनों तक चले ‘काम बंद’ के बाद शुरू हुआ है। (इनपुट- पीटीआई भाषा)